मोदी सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले का बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने समर्थन किया है. मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी इस फैसले का समर्थन करती है और संसद में पेश किए जाने वाले संविधान संशोधन बिल का समर्थन करेगी. हालांकि, मायावती ने मौजूदा समय में SC/ST और OBC वर्ग को मिलने वाले करीब 50 फीसदी आरक्षण के कोटे के दायरे को बढ़ाने की मांग भी की.
BSP chief Mayawati to ANI: Lok Sabha chunaav se pehle liya gaya ye faisla humein sahi niyat se liya gaya faisla nahi lagta hai, chunavi stunt lagta hai, rajnitik chalaava lagta hai, acha hota agar BJP apna karyakaal khatam hone se thik pehle nahi balki aur pehle le leti. pic.twitter.com/Iidi2rT0eC
— ANI (@ANI) January 8, 2019
मायावती ने मंगलवार को कहा कि सवर्णों को आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण का फैसला एक चुनावी स्टंट है. सरकार ने ये फैसला पहले क्यों नहीं किया. ये सिर्फ एक चुनावी छलावा है. BSP सुप्रीमो ने ये भी कहा कि देश में अभी तक SC/ST, OBC को जो 49.5 फीसदी आरक्षण मिलता है उसकी समीक्षा करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में जातियों का अनुपात भी बढ़ रहा है. इसलिए समीक्षा की जरूरत है.
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उन्होंने अपील करते हुए कहा कि बढ़ी हुई आबादी के आधार पर ही आरक्षण का अनुपात भी बढ़ना चाहिए, इसके लिए नई संवैधानिक व्यवस्था लागू की जानी चाहिए. इतना ही नहीं मायावती ने कहा कि इन वर्गों के लिए उन क्षेत्रों में भी आरक्षण दिया जाना चाहिए, जहां पर आरक्षण नहीं दिया जाता है.
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बता दें नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को गरीब सवर्णों को आरक्षण देकर ऐतिहासिक निर्णय किया. लोकसभा चुनाव से ऐन पहले सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में 10 फीसदी आरक्षण दिया गया. विपक्ष ने सरकार के इस फैसले को सिर्फ एक चुनावी दांव बताया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी और सरकार ने इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया है. अगर आपके मन में इस फैसले से जुड़े कुछ सवाल हैं तो जवाब आपको यहां मिलेंगे
मोदी सरकार अपने इस फैसले को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करेगी. इसके लिए लोकसभा और राज्यसभा में संविधान संशोधन बिल पेश किया जाएगा. लोकसभा में तो एनडीए सरकार के पास बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं है. राज्यसभा में बहुजन समाज पार्टी के कुल 4 सांसद हैं, ऐसे में मायावती का संशोधन बिल का समर्थन करना एक बड़ी राहत हो सकता है.
Source : News Nation Bureau