बजट 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ई-रेल टिकट पर लगने वाले सर्विस टेक्स को खत्म करने की घोषणा तो कर दी लेकिन इसके बावजूद खिड़की से मिलने वाले टिकट की तुलना में ई-टिकट अब भी महंगा ही पड़ेगा।
यहीं नहीं, कई ऐसी सुविधाएं भी यात्री को नहीं मिलेगी, जो खिड़की से खरीदने वाले टिकट पर मिलती है।
बता दें कि 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार ने 'डिजिटल लेनदेन' को बढ़ावा देने के मकसद से ऑनलाइन रेल टिकट लगने वाले सर्विस टैक्स पर 22 नवंबर से 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी थी।
इससे पहले आईआरसीटीसी के जरिए स्लीपर टिकट बुक कराने पर 20 रुपये और वातानुकूलित श्रेणी में 40 रुपये सर्विस टैक्स के रुप में अतिरिक्त देने होते थे। केंद्र सरकार ने बुधवार को पेश हुए आम बजट 2017 में घोषणा कर ऑनलाइन टिकट कराने पर लगने वाले सर्विस टैक्स को खत्म कर दिया।
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इस फैसले को रेल यात्रियों के लिए बड़ी राहत करार माना जा रहा है। यहां आपको बता दें कि खिड़की और ऑनलाइन रेल टिकट कराने पर सिर्फ सर्विस टैक्स का ही फर्क नहीं होता, बल्कि भुगतान के समय कई बैंकों के टॉजेक्शन चार्ज 10 रुपये भी देने होते हैं।
इसके अलावा वहीं खिड़की से टिकट कराने पर मिलने वाली सुविधाएं भी ऑनलाइन टिकट में नहीं मिलती हैं। सूचना के अधिकार यानि आरटीआई के एक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर ने खिड़की और ऑनलाइन टिकट की सुविधाओं में अंतर को लेकर पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय के पब्लिक ग्रीवंस विभाग के द्वारा प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर खींचने का प्रयास किया था।
उन्होंने अपने आवेदन में लिखा था कि लंबी दूरी की यात्रा के लिए दो गाड़ियों के ऑनलाइन टिकट बनवाने पर दो बार आरक्षण शुल्क लगता है और टेलीस्कोपिक यात्रा का रियायती लाभ भी नहीं मिलता। वहीं खिड़की से टिकट लेने पर ऑनवार्ड (आगे की यात्रा) का प्रावधान है, इसमें दो टिकट कराने पर एक बार ही आरक्षण शुल्क देना पड़ता है, वहीं टेलीस्कोपिक यात्रा का रियायती लाभ भी मिलता है।
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केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को संसद में पेश किए गए बजट में सर्विस टैक्स खत्म किए जाने का आरटीआई कार्यकर्ता गौर ने स्वागत तो किया लेकिन साथ ही सवाल भी उठाया है कि खिड़की से टिकट कराने पर ऑनवार्ड और टेलीस्कोपिक यात्रा का रियायती लाभ मिलता है।
यह लाभ ऑनलाइन टिकट पर अब नहीं मिल पाएगा। ऐसे में केंद्र सरकार की 'डिजिटल लेनदेन' की इच्छा कितनी पूरी हो पाएगी, इसमें संदेह है।
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HIGHLIGHTS
- ई-टिकट पर सर्विस टैक्ट हटाने के बावजूद यह खिड़की से लेने वाले टिकट की तुलना में महंगा ही पड़ेगा।
- कई सुविधाएं जो टिकट विंडो से टिकट लेने पर मिलती हैं वह सुविधाएं भी ई-टिकट पर नहीं मिलेंगी।
Source : IANS