स्वास्थय विशेषज्ञों की राय, जनस्वास्थ्य के लिए एक बेहतर बजट

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से संबंद्ध लोगों ने आम बजट को बेहतर करार दिया है।

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pradeep tripathi
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स्वास्थय विशेषज्ञों की राय, जनस्वास्थ्य के लिए एक बेहतर बजट
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स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से संबंद्ध लोगों ने आम बजट को बेहतर करार दिया है। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार ने कई संक्रामक रोगों को खत्म करने का लक्ष्य रखा है और 1.5 लाख स्वास्थ्य उप-केंद्रों को स्वास्थ्य एवं वेलनेस केंद्र में बदलने की घोषणा की है। यह अच्छा कदम है। इसके साथ ही नए एम्स अस्पताल बनाने, दूसरे व तीसरे स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने और मेडिकल शिक्षा में सुधार के कदम का भी मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों ने स्वागत किया।

लेकिन, इनका कहना है कि रोकथाम आधारित स्वास्थ्य सेवा ढांचा और जीवनशैली के विकारों के निदान के लिए बड़े आवंटन की उम्मीद थी जो बजट में नजर नहीं आई।

पोर्टिया मेडिकल के एमडी एवं सीईओ मीना गणेश ने कहा, "स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुछ उत्साहवर्धक कदम उठाए गए हैं। उपकरणों की लागत कम करने के लिए बनाए गए नए नियम बिलकुल सही दिशा में लिए गए हैं। नए एम्स बनाने और वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार कार्ड आधारित स्मार्ट कार्ड देना, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लाभकारी होगा।"

मेडिकल में पांच हजार स्नातकोत्तर सीटें बढ़ाने पर नेटहेल्थ के महासचिव अंजन बोस ने खुशी जताई।

हेल्थ आई के सीईओ कृष्णा उलार्गछगन ने कहा, "वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार कार्ड आधारित स्मार्ट कार्ड जैसे स्वास्थ्य को तकनीक से जोड़ने वाले फैसले उत्साहित करने वाले हैं। हम सरकार से अपील करते हैं कि वह इस योजना को सभी भारतीय नागरिकों के लिए लाए जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की गुणवत्ता और समय में काफी सुधार होगा। वैसे रोकथाम आधारित स्वास्थ्य सेवा ढांचा और जीवनशैली के विकारों के लिए बड़े आवंटन की उम्मीद थी, जो नजर नहीं आई।"

न्यूट्रीहेल्थ की फाउंडर डॉ शिखा शर्मा ने कहा, "स्वास्थ्य बजट में रोकथाम वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है। जीवनशैली से होने वाले विकारों को रोकने के लिए किसी भी कदम का जिक्र इसमें नहीं किया गया है। स्टार्टअप्स को टैक्स आधारित प्रोत्साहन एक अच्छा कदम है। मेडिकल उपकरणों के देश में ही उत्पादन को प्रोत्साहित करने वाला माहौल प्रदान करने की जो उम्मीद थी, वो इस बजट से पूरी नहीं हुई है।"

ग्रो फिट की सीईओ ज्योत्सना पत्ताबिरमन ने कहा, "मुझे उम्मीद थी कि मध्य वर्ग को काफी भारी पड़ने वाले जीवनशैली की बीमारियों पर होने वाले खर्च के बारे में इस बजट में संज्ञान लिया जाएगा। यूं तो बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के कई पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है लेकिन इस विषय पर कोई बात नहीं हुई।"

Source : News Nation Bureau

health care Sector Budget 2017
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