2019 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद शुरू हो गई। इस बार बीड़ा उठाया है राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने।
विपक्षी दलों को एक छत के नीचे लाने के लिए एक फरवरी को पवार के आवास पर बैठक होगी। इस बैठक में सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेता शिरकत करेंगे और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
आपको बता दें कि पवार के आवास पर सोमवार को भी बैठक हुई थी। इस बैठक में कई बड़े नेता निजी कारणों से नहीं शामिल हो पाए थे।
सूत्रों के मुताबिक पवार के दिल्ली स्थित आवास पर हुई बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता फारूक अब्दुल्ला, सीपीआई के डी राजा और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बागी नेता शरद यादव शामिल हुए थे।
इससे पहले सोमवार को दिन में पवार ने विपक्ष की एकजुटता के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी बात की थी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पवार ने 26 जनवरी को मुंबई में 'संविधान बचाओ' के नारे के साथ विरोध-प्रदर्शन किया था।
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इस मार्च में शरद यादव, डी राजा, कांग्रेस के सुशील कुमार शिंदे, उमर अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, जिग्नेश मेवाणी और हार्दिक पटेल समेत अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया था।
क्या हो सकते हैं मुद्दे?
- विपक्षी दल पूरे देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की मोदी सरकार की योजना के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश करेगी।
- विपक्षी दल किसानों की बदहाली पर मोदी सरकार को घेरने के लिए रणनीति बना सकती है। किसानों के लिए लागत के अनुपात में उचित दाम नहीं मिल पाने, आत्महत्या और कर्जमाफी जैसे कई मुद्दे हैं।
- विपक्षी दल रक्षा और रिटेल ने में एफडीआई बढ़ाए जाने के खिलाफ भी चर्चा कर सकते हैं।
- सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में संसद के बजट सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
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Source : News Nation Bureau