संसद का बजट सत्र आज यानि मंगलवार से आरंभ हो रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना पहला अभिभाषण देंगी. सत्र के दौरान सरकार की नजर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर रहेगी. इस दौरान 2023-2024 के आम बजट को लेकर चर्चा होने वाली है. वहीं विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे उठाने वाली हैं. सत्र के वक्त सरकार संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने वाली है. गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को बजट पेश करेंगी. बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलने वाला है.
वहीं दूसरा चरण 13 मार्च से आरंभ होकर छह अप्रैल तक चलेगा. बजट सत्र के वक्त 27 बैठकें होंगी. सरकार ने सोमवार को एक सर्वदलीय बैठक में यह संकेत दिया कि वह संसद में नियमों के तहत हर मामले पर चर्चा को लेकर तैयार हैं. सरकार सदन को चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग की उम्मीद रख रही है.
ये भी पढ़ें: Virat Kohli: ऑस्ट्रेलिया सीरीज से पहले ऋषिकेश पहुंचे कोहली-अनुष्का, फैंस बोले सेंचुरी पक्की
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई एक सर्वदलीय बैठक के बाद बयान दिया,‘सरकार संसद में नियमों के तहत हर मामले पर चर्चा करने को लेकर तैयार है, वह विपक्ष से सहयोग की उम्मीद रखती है.
जोशी के अनुसार, इस बैठक में 27 राजनीतिक दलों के 37 नेताओं ने भाग लिया. प्रमुख नेताओं में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा समेत द्रमुक, वाम दलों आदि ने अदाणी समूह से जुड़ा मुद्दा उठाया. संसद सत्र के दौरान इस पर चर्चा कराने की मांग की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में टीआरएस और द्रमुक जैसी पार्टियों ने विपक्ष के शासन वाले राज्यों में राज्यपाल के व्यवहार का मामला उठाया.
उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित आर्थिक गणना कराने की मांग रखी. वहीं वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पिछड़े वर्गों की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी होना अहम है. इस तरह से पता लगाया जा सकेगा कि सामाजिक एवं विकास सूचकांक में कौन वर्ग पिछड़ा है. बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने महंगाई, बेरोजगारी को लेकर चिंता व्यक्त की.
HIGHLIGHTS
- 2023-2024 के आम बजट को लेकर चर्चा होने वाली है
- विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे उठाने वाली हैं.
- सरकार संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने वाली है