उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के शक में हुई गोलीबारी की वारदात और हिंसा मामले में एक स्थानीय अदालत ने सभी फरार आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. 3 दिसंबर को भीड़ द्वारा हुई इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में मुख्य साजिशकर्ता और बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज गिरफ्त से बाहर है. अभी तक इस मामले में 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष टीम ने 9 दिसंबर को पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या में कथित रूप से संलिप्त सेना के जवान जीतेन्द्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को गिरफ्तार किया था.
जीतू फौजी को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे दिया था और बाद में उसकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई थी. जीतू ने कहा था, 'मैंने इंस्पेक्टर को गोली नहीं मारी, मैं निर्दोष हूं.' जीतू फौजी सेना के 22 राष्ट्रीय रायफल्स में तैनात हैं.
एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने हिंसा का शिकार हुए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को शहीद बताते हुए बताया था कि इस मामले में 88 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 27 लोग नामजद हैं.
वहीं इस हिंसा का कथित मुख्य साजिशकर्ता योगेश राज वीडियो के जरिये 5 दिसंबर को सामने आया था और अपनी बेगुनाही की बात कही थी. योगेश राज ने वीडियो में कहा था, 'मैं आप सब लोगों को बताना चाहता हूं कि उस दिन दो घटनाएं घटित हुई थी. पहली घटना स्याना के नजदीक गांव महाब में गोकशी की हुई थी जिसकी सूचना पाकर मैं अपने साथियों सहित मौके पर पहुंचा था. प्रशासनिक लोग भी वहां पहुंचे थे और मामले को शांत करके हम सभी साथियों सहित स्याना थाने में मुकदमा दर्ज कराने थाने पहुंचा थे.'
उसने बताया था कि, 'थाने में बैठे-बैठे जानकारी मिली कि उक्त स्थल पर ग्रामीणों ने पथराव किया है और वहां पर फायरिंग भी हुई है जिसमें एक युवक को गोली लगी है और एक पुलिसवाले को भी गोली लगी है. जब हमारी मांग पूर्ण कर स्याना थाने में मुकदमा लिखा जा रहा था तो बजरंग दल कोई आंदोलन प्रदर्शन क्यों करता?'
योगेश ने कहा था, 'मैं दूसरी घटना में उक्त स्थान पर मौजूद नहीं था. मेरा दूसरी घटना से कोई लेना-देना नहीं है. ईश्वर मुझे न्याय दिलाएंगे मुझे ऐसा भगवान पर पूर्ण भरोसा है. धन्यवाद.'
और पढ़ें : शादी के माहौल में अचानक 14 साल का लड़का जमीन पर गिर पड़ा.. और फिर चारों ओर मच गई चीख-पुकार
राज्य सरकार ने शनिवार को बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कृष्णा बहादुर सिंह का तबादला कर दिया था और उन्हें पुलिस महानिदेशक के कार्यालय से संलग्न कर दिया. राज्य सरकार ने प्रभाकर चौधरी को बुलंदशहर का नया जिला पुलिस प्रमुख बनाया है.
अधिकारियों ने बताया कि बुलंदशहर में मॉब लिंचिंग के मामले में तीन और पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया था. बुलंदशहर के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ग्रामीण, रईस अख्तर, मंडल अधिकारी (सीओ) सत्य प्रकाश शर्मा और चिंगरावठी पुलिस चौकी के प्रभारी सुरेश कुमार को क्षेत्र में घटना को सही समय पर काबू में करने में नाकाम रहने पर स्थानांतरित किया गया था.
और पढ़ें : उत्तर प्रदेश : गाजीपुर में विकास के नाम पर हो रहा भ्रष्टाचार, ग्रामीणों ने की शिकायत
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि खेत में कुछ हिंदूवादी संगठनों के कार्यककर्ताओं द्वारा गोवंश के अवशेष मिलने के बाद बिगड़ी स्थिति को संभालने में नाकाम रहने की वजह से सभी अधिकारियों पर कार्रवाई की गई.
इसमें बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज के अलावा भाजपा युवा स्याना के नगराध्यक्ष शिखर अग्रवाल और विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव को भी नामजद किया गया है. अभी तक तीनों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
देश की अन्य ताज़ा खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... https://www.newsstate.com/india-news
Source : News Nation Bureau