विश्व हिंदू परिषद् ने कहा कि पैसे लेकर अभिनय करना नसीरुद्दीन शाह का पेशा है. वीएचपी ने कहा कि बुलंदशहर में हुई हिंसा पर दिया गया उनका बयान भी इसी प्रकार प्रायोजित प्रतीत होता है. विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि अब सबको स्पष्ट हो गया है कि पिछले चुनाव से पहले इसी प्रकार पुरस्कार वापसी ब्रिगेड का अभियान पूरी तरह प्रायोजित था. साफ लगता है कि 2019 नजदीक आते-आते इस प्रकार के बयानों की श्रृंखला शुरू होने वाली है. कई बरसाती मेंढक अपने निराधार बयानों को लेकर सामने आएंगे.
उन्होंने कहा, 'लेकिन नसीरुद्दीन शाह का हालिया बयान केवल राजनीतिक ही नहीं, बल्कि घोर सांप्रदायिक और देश के माहौल को बिगाड़ने वाला भी है.' उन्होंने चेताया कि ऐसे लोग गौरक्षा के कार्य को अपमानित कर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का दुस्साहस न करें. जैन ने सवाल उठाया कि 1984 में सिखों व 1990 में कश्मीर घाटी में हिंदुओं के जनसंहार के समय इनकी संवेदना व गुस्सा क्यों सामने नहीं आया? जब गोधरा में महिलाओं और बच्चों समेत 59 हिंदुओं को जिंदा जलाया गया, तब इनका क्रोध क्यों शांत हो गया था? मल्लापुरम जैसे कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में रमजान के अवसर पर हिंदू बच्चों को स्कूल के शौचालय में जाकर भोजन करना पड़ता है, क्या यह घटना किसी की संवेदनाओं को झकझोरने के लिए पर्याप्त नहीं है?
विश्व हिंदू परिषद् महामंत्री ने यह भी कहा कि ये लोग देश की जनता के द्वारा सर माथे पर चढ़ाए जाते हैं, लेकिन चंद स्वार्थो के कारण ये देश का माहौल खराब करते हैं. इनको यह जवाब तो अवश्य देना होगा कि ये जिस देश में रहते हैं और जिस देश ने उनको बड़ा बनाया है, वे उसी देश के माहौल को तनावपूर्ण क्यों बनाना चाहते हैं? विश्व हिंदू परिषद् नेता ने कहा कि परिषद इस तरह के बयानों की कठोरतम शब्दों में निंदा करती है और उम्मीद करती है कि पिछले चुनावों की तरह इस बार ये लोग देश के माहौल को खराब करने के लिए अपना कंधा नहीं सौंपेंगे.
Source : IANS