Advertisment

भारत के लिए बुलेट ट्रेन बनकर हुआ तैयार, इस तारीख से शुरू होगी सेवा

भारत की महत्वाकांक्षी 'बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट' के लिए अब ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. भारत की जलवायु के हिसाब से विदेशी बुलेट ट्रेन के मुकाबले कुछ खास परिवर्तन किए जाएंगे.

author-image
Iftekhar Ahmed
एडिट
New Update
Bullet traine

भारत के लिए बुलेट ट्रेन बनकर हुआ तैयार, इस तारीख शुरू होगी सेवा( Photo Credit : IANS)

Advertisment

भारत की महत्वाकांक्षी 'बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट' के लिए अब ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. भारत की जलवायु के हिसाब से विदेशी बुलेट ट्रेन के मुकाबले कुछ खास परिवर्तन किए जाएंगे. भारत में चलने वाली पहली बुलेट ई-5 सीरीज ट्रेन हिताची और कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज द्वारा निर्मित जापानी शिंकानसेन हाई-स्पीड ट्रेन का ही एक रूप है. इस तरह की ट्रेनों में सबसे चौड़ी ट्रेन केवल फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों में ही उपलब्ध है. भारत में चलने वाली बुलेट ट्रेन की चौड़ाई 3.35 मीटर रहेगी.  दरअसल, भारत के तापमान, धूल और भार के हिसाब से इस ट्रेन में बदलाव किया जा रहा है. बुलेट ट्रेन का पहला ट्रायल 2026 में गुजरात के बिलिमोरा और सूरत के बीच होने की संभावना है.

भारत के हिसाब से किया गया डिजाइन
जानकारी के मुताबिक, जापानी इस पहलू पर भी काम कर रहे हैं कि ये ट्रेनें भारतीय वजन ढोने में सक्षम हों, क्योंकि जापानियों का वजह कम होता है. जापान की हाई स्पीड की ट्रेन शिंकानसेन (भारत में बुलेट ट्रेन) को भारत में अब इस ट्रेन को भारतीय जलवायु और उपयोगिता के अनुरूप परिवर्तन किया जा रहा है. देश में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के निर्माण ने फिलहाल रफ्तार पकड़ ली है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से मिली जानकारी के मुताबिक, देश में बुलेट ट्रेन का पहला ट्रायल 2026 में गुजरात के बिलिमोरा और सूरत के बीच होगा. इस दौरान ट्रेन की स्पीड 350 किमी प्रति घंटा होगी. जो लगभग विमानों के उड़ान भरते समय की गति होती है. हालांकि ट्रेन के परिचालन की गति 320 किलोमीटर प्रति घंटे ही रखी जायेगी.

पूरी तरह साउंड प्रूफ बनाया जाएगा कोच  
बुलेट ट्रेन यानी हाई स्पीड ट्रेन की संचार प्रणाली को वायुयान की संचार प्रणाली की तरह ही बनाया गया है. इसमें यात्रियों के लिए एक आपात बटन होगा. सफर के दौरान अगर कोई दिक्कत होती है तो यात्री अपनी परेशानी से बुलेट ट्रेन के चालक दल को अवगत करा सकेंगे. कोच को पूरी तरह साउंड प्रूफ बनाया गया है. कोच में डबल स्किन एल्युमीनियम एलॉय, एयर टाइट फ्लोर, साउंड एब्जॉबिर्ंग साइड कवर आदि पैनल लगाए जाएंगे. इसके साथ ही कंपन कम करने के लिये सभी कारों को एक्टिव सस्पेंशन सिस्टम से लैस किया जाएगा. आरामदेह सीट को ध्यान में रखते हुए सभी कारों में रिक्लाइनिंग सीट होगी.

पहला परीक्षण 2026 में गुजरात के बिलिमोरा और सूरत के बीच होगा
देश का पहला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट गुजरात के अहमदाबाद और महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बीच है जिस पर काम तेजी से प्रगति पर है. इसके अंतर्गत भरूच (गुजरात) में पिलर का काम पूरा नजर आने लगा है जिसका पहला परीक्षण 2026 में गुजरात के बिलिमोरा और सूरत के बीच होगा, इसके बाद अन्य सेक्शन में परीक्षण किए जाएंगे. इस परियोजना को इस तरह विकसित किया जा रहा है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी न हो. शुरुआती तौर पर ट्रेन सुबह 6 बजे से चलनी शुरू होगी और रात 12 बजे तक चलेगी. व्यस्त समय में 20 मिनट पर और गैर-व्यस्त समय में आधे घंटे पर ट्रेन मिलेगी. जिसके बाद इसे मांग के अनुसार और अधिक किया जाएगा. इसके साथ ही बुलेट ट्रेन में चढ़ने में यात्रियों को कम समय (चैक-इन टाइम) लगेगा, अधिक जगह होगी और इन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी होगी जो विमानों में सवार रहने के दौरान नहीं मिलती.

हाल ही में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सतीश अग्निहोत्री ने कहा था कि यह परियोजना 2027 में सूरत-बिलिमोरा के बीच 48 किलोमीटर के खंड को पूरा करने के लिए तैयार है. इसका पहला ट्रायल इससे एक साल पहले किया जाएगा. दरअसल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 14 सितंबर 2017 को 1.08 लाख करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी हाई-स्पीड रेल परियोजना की आधारशिला रखी थी. जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) और रेल मंत्रालय ने इसके लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.

गौरतलब है कि रेल मंत्रालय ने सात हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) कॉरिडोर -- दिल्ली-वाराणसी, मुंबई-नागपुर, दिल्ली-अहमदाबाद, मुंबई-हैदराबाद, चेन्नई-बेंगलुरु-मैसूर, वाराणसी-हावड़ा और दिल्ली-अमृतसर के लिए सर्वेक्षण करने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया है. वहीं अहमदाबाद से मुंबई बुलेट ट्रेन मार्ग का निर्माण गुजरात क्षेत्र में तेजी से चल रहा है. गुजरात में बुलेट ट्रेन के लिए अधिकतर जमीन का अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है, महाराष्ट्र में यह लंबित है.

ये भी पढ़ेंः युद्ध का खौफः Ukraine को लेकर World Bank और IMF ने उठाया बड़ा कदम

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी, तत्पश्चात ठेकों को आखिरी रूप देने में देरी और कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के अमल में आने में देरी हुई. पिछले दिनों रेल मंत्रालय ने बुलेट ट्रेन के सूरत रेलवे स्टेशन का डिजिटल ग्राफिक्स सार्वजनिक किया था, जो सूरत के हीरा व्यवसाय पर डिजाइन किया गया है. यह काफी आकर्षक है.

रेल मंत्री के अनुसार देश में बुलेट ट्रेनों के लिए 7 रूट तय हैं. इनमें मुंबई-अहमदाबाद के साथ ही दिल्ली-नोएडा-आगरा-लखनऊ-वाराणसी (865 किलोमीटर) और दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद (886 किलोमीटर), मुंबई-नासिक-नागपुर (753 किलोमीटर), मुंबई-पुणे-हैदराबाद , (711 किलोमीटर), चेन्नै-बेंगलुरु-मैसूर, (435 किलोमीटर) और दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-जालंधर-अमृतसर (459 किलोमीटर) शामिल होंगे.

HIGHLIGHTS

  • भारत के हिसाब से बुलेट ट्रेन में किए गए परिवर्तन
  • 3.35 मीटर रहेगी भारत के बुलेट ट्रेन की चौड़ाई 
  • 350 किमी प्रति घंटा होगी इस ट्रेन की स्पीड 
Bullet Train bullet train in india bullet train project in india
Advertisment
Advertisment
Advertisment