उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी (burari case) में जुलाई महीने में एक खौफनाक घटना हुई थी, जिसे लेकर अब एक नया खुलासा हुआ है. इस घटना में एक ही परिवार के 11 सदस्य अपने ही घर में मृत पाए गए थे. अब इस मामले में मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी रिपोर्ट आई है, जिसमें खुलासा हुआ है कि उन लोगों ने खुदकुशी नहीं की थी, बल्कि वे सभी एक अनुष्ठान के दौरान दुर्घटनावश मारे गए.
आत्महत्या नहीं हादसा था 11 लोगों की मौत
दिल्ली पुलिस ने जुलाई में सीबीआई को साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी करने को कहा था. उसे बुधवार शाम को यह रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के अनुसार, 'मृतकों की मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी के अध्ययन के आधार पर घटना आत्महत्या की नहीं थी, बल्कि दुर्घटना थी जो एक अनुष्ठान करते समय हुई. किसी भी सदस्य की अपनी जान लेने का इरादा नहीं था.'
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CFSL ने इन लोगों से की पूछताछ
मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी के दौरान सीबीआई की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) ने घर में मिले रजिस्टर्स में लिखी बातों का और पुलिस द्वारा दर्ज किए गए चूंडावत परिवार के सदस्यों और मित्रों के बयानों का विश्लेषण किया. सीएफएसएल (CFSL) ने परिवार के सबसे बड़े सदस्य दिनेश सिंह चूंडावत और उनकी बहन सुजाता नागपाल तथा अन्य परिजनों से भी पूछताछ की.
क्या होती है मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी में किसी व्यक्ति के मेडिकल रिकार्ड का विश्लेषण किया जाता है. साथ ही उनके मित्रों और परिवार के सदस्यों से पूछताछ करके और मृत्यु से पहले उसकी मानसिक दशा का अध्ययन किया जाता है. जिससे उस शख्स की मानसिक स्थिति पता लगाने की कोशिश की जाती है.
पिता के आदेश पर ललित कर रहा था पूजा अनुष्ठान
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि परिवार का सदस्य ललित चूंडावत अपने दिवंगत पिता की तरफ से निर्देश मिलने का दावा करता था और उसी हिसाब से परिवार के अन्य सदस्यों से कुछ गतिविधियां कराता था. उसने ही परिवार को ऐसा अनुष्ठान कराया जिसमें उन्होंने अपने हाथ-पैर बांधे तथा चेहरे को भी कपड़े से ढंक लिया. चूंडावत परिवार के ये 11 सदस्य बुराड़ी स्थित घर में मृत मिले थे.
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Source : News Nation Bureau