श्रीलंका में आतंकी हमले के बाद वहां की सरकार ने चेहरा छिपाने वाले हर एक कपड़े को प्रतिबंधित कर दिया है. जाहिर है इसमें बुर्का भी आएगा. बुर्के पर श्रीलंका में बैन के बाद भारत में भी इसकी चर्चा होने लगी है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में संपादकीय के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की गई है कि बुर्का पर प्रतिबंध लगाया जाए. वहीं इस मांग के समर्थन में जहां साध्वी प्रज्ञा खड़ी हो गई तो बीजेपी के प्रवक्ता जीएल नरसिम्हा ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. वहीं इस मांग पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शिवसेना पर हमला बोलते हुए कहा कि यह हमारे संविधान में फंडामेंटल राइट है. बाकी आप यह हिंदुत्व सब पर नहीं लागू कर सकते हैं. कल को बोलेंगे कि आपके चेहरे पर दाढ़ी ठीक नहीं है, टोपी मत पहनिए.
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खैर लोकसभा चुनाव के सात चरणों में से अभी 3 चरण बाकी हैं. जाहिर है यह मुद्दा बाकी के तीन चरणों में भरी गरम रहेगा. ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं कि श्रीलंका के अलावा किन-किन देशों में बुर्का बैन है. वैसे सार्वजनिक स्थलों पर नकाब पहनने पर रोक लगाने वाला फ्रांस यूरोप का पहला देश था. फ्रांस ने 2011 में ये रोक लगाई थी.
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फ्रांस यूरोप का पहला ऐसा मुल्क है जिसने बुर्के को बैन करने का कदम उठाया. 2004 में इसकी शुरुआत हुई. पहले स्कूलों में धार्मिक चिन्हों पर रोक लगी. 2011 में सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर बुरके को पूरी तरह बैन कर दिया. ऐसा करने पर 150 यूरो का जुर्माना है. कोई अगर महिलाओं को जबरन बुरका पहनाएगा तो उस पर 30 हजार यूरो तक का जुर्माना हो सकता है.
डेनमार्क में बुर्के और नकाब को लेकर नया कानून बना और अब नए कानून में सार्वजनिक स्थलों पर पूरे चेहरे पर इस्लामी नकाब या बुर्का पहनने पर बैन है. चेहरा छिपाने वाले वाले शख्स पर 157 डॉलर यानी साढ़े दस हजार रुपए का जुर्माने का प्रावधान है.
कॉन्गो ने पूरे चेहरे को ढकने पर बैन लगा रखा है. 2015 से यह प्रतिबंध लागू है.
बेल्जियम ने भी 2011 में बुरका बैन कर दिया. बुरका पहनने पर महिलाओं को 7 दिन की जेल या 1300 यूरो तक का जुर्माना हो सकता है.
हॉलैंड ने 2015 में बुरके पर बैन लगाया. लेकिन यह बैन स्कूलों, अस्पतालों और सार्जवनिक परिवहन तक ही सीमित है. सभी जगहों पर इसे लागू नहीं किया गया है.
स्विट्जरलैंड ने 1 जुलाई 2016 को टेसिन इलाके में बुरके पर प्रतिबंध लगाया. इसका उल्लंघन करने पर 9200 यूरो तक का जुर्माना हो सकता है.
इटली में राष्ट्रीय स्तर पर तो बैन नहीं है लेकिन 2010 में नोवारा शहर ने अपने यहां प्रतिबंध लगाया. हालांकि अभी बुरका पहनने पर किसी तरह की सजा नहीं है. और कुछ राज्यों में बुरकीनी पहनने पर रोक है.
जर्मनी में जून 2017 से बुरके और नकाब पर रोक है लेकिन ऐसा सिर्फ सरकारी नौकरियों और सेना पर लागू होता है. इसके अलावा ड्राइविंग के दौरान भी चेहरा ढंकने की अनुमति नहीं है. जर्मनी की एएफडी पार्टी लगातार बुरके पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है.
स्पेन के कैटेलोनिया इलाके में कई जिलों में बुरके और नकाब पर 2013 से ही प्रतिबंध है. कई राज्यों में कोशिश हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने इसे धार्मिक आजादी का उल्लंघन मानते हुए पलट दिया. लेकिन यूरोपीय मानवाधिकार कोर्ट का फैसला है कि बुरके पर बैन मानवाधिकार उल्लंघन नहीं है. इसी आधार पर कई जिलों ने इस बैन को लागू किया हुआ है.
तुर्कीः मुस्लिम बहुल आबादी वाले तुर्की में 2013 तक सरकारी संस्थानों में बुरका या हिजाब पहनने पर रोक थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. महिलाएं अपना सर और चेहरा ढंकते हुए भी वहां जा सकती हैं. बस अदालत, सेना और पुलिस में ऐसा करने की अनुमति अब भी नहीं है.
अफ्रीकी देश चाड में बुरके पर प्रतिबंध लगाया गया है. चाड के प्रतिबंध लगाने के एक महीने बाद ही उसके पड़ोसी कैमरून ने भी नकाब और बुरका बैन कर दिए. हालांकि यह सिर्फ पांच राज्यों में ही प्रभावी है.आतंकवाद प्रभावित दीफा इलाके में बुरका प्रतिबंधित है.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA