कोविड-19 संकट और उसकी वजह से लागू लॉकडाउन के चलते चालू कैलेंडर वर्ष की अप्रैल-जून अवधि के दौरान घरों (Home Sales) की बिक्री 81 प्रतिशत घटकर 12,740 इकाई रहने का अनुमान है. संपत्ति सलाहकार एनारॉक की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल-जून, 2019 के दौरान सात बड़े शहरों दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता में घरों की बिक्री 68,600 इकाई रही. यही नहीं इस अवधि में नए घरों की पेशकश के भी 98 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,390 इकाई रहने का अनुमान है. पिछले साल समान अवधि में 69,000 नए मकान बिक्री के लिए उपलब्ध कराए गए थे. घरों की बिक्री घटने की रिपोर्ट के बीच ग्राहकों के लिए इस समय घर खरीदने का एक सुनहरा मौका भी है. दरअसल, इस समय घरों की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है और जानकारों का कहना है कि घरों की कीमतों में आने वाले दिनों में और गिरावट आ सकती है.
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मौजूदा समय में होम लोन के ऊपर ब्याज दरें 7 फीसदी से कम
प्रॉपर्टी एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा समय में होम लोन के ऊपर ब्याज दरें 7 फीसदी के आस-पास चल रही हैं. साथ ही प्रॉपर्टी के दाम भी 5 साल में सबसे कम हो गए हैं. साथ ही खरीदार सरकार की टैक्स बेनिफिट स्कीम का फायदा भी उठा सकते हैं. एनरॉक की रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा समय में देश के सात बड़े शहरों में करीब 15.92 लाख अंडर कंस्ट्रक्शन घर हैं और बिल्डर्स का पूरा ध्यान रेडी टू मूव घरों की बिक्री पर है.
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सरकार की ओर से घर खरीदारों को ब्याज में मिलती है सब्सिडी
घर खरीदारों को अभी घर खरीदने पर काफी फायदा हो सकता है. होम लोन पर ब्याज जहां कम लगेगा वहीं बिल्डर्स की ओर से भारी डिस्काउंट भी मिलने की संभावना ज्यादा है. देश के अधिकतर सरकारी और गैर सरकारी बैंकों ने होम लोन की ब्याज दर को काफी कम कर दिया है जिससे घर खरीदारों को घर लेना काफी आसान हो गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत मार्च 2021 तक घर खरीदने पर घर खरीदारों को ब्याज में सरकार की ओर से 2.67 लाख रुपये तक सब्सिडी दिया जाता है. बता दें कि यह स्कीम 31 मार्च 2020 को खत्म हो गई थी, लेकिन मोदी सरकार ने कोरोना वायरस की वजह से स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया है. प्रधानमंत्री आवास योजना को क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम नाम दिया गया है.
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लॉकडाउन की वजह से घरों की बिक्री में भारी गिरावट का था अनुमान
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि इस तिमाही में ज्यादातर समय लॉकडाउन की वजह से घरों की बिक्री और पेशकश में भारी गिरावट का अनुमान पहले से था. कोरोना वायरस महामारी पर काबू के लिए राष्ट्रव्यापी बंद 25 मार्च से लगाया गया था. इससे निर्माण गतिविधियां पूरी तरह रुक गई थी। साथ ही इससे घरों की बिक्री भी लगभग ठहर गई थी. पुरी ने कहा कि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर अब कई डेवलपर्स अपनी डिजिटल बिक्री क्षमता को बढ़ा रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल-जून, 2020 के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घरों की बिक्री 83 प्रतिशत घटकर 2,100 इकाई रहने का अनुमान है. पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 12,640 इकाई था.
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इसी तरह मुंबई महानगर क्षेत्र में घरों की बिक्री 83 प्रतिशत घटकर 21,360 से 3,620 इकाई रहने का अनुमान है. बेंगलुरु में बिक्री 77 प्रतिशत घटकर 2,900 इकाई रहने का अनुमान है। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 13,150 इकाई रहा था. पुणे में बिक्री 79 प्रतिशत घटकर 10,490 इकाई से 2,160 इकाई तथा हैदराबाद में 85 प्रतिशत घटकर 4,430 इकाई से 660 इकाई रहने का अनुमान है. चेन्नई में बिक्री 84 प्रतिशत घटकर 2,990 से घटकर 480 इकाई रहने का अनुमान है. कोलकाता में बिक्री 79 प्रतिशत घटकर 730 इकाई रहने का अनुमान है. इससे पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 3,540 इकाई रहा था.