Advertisment

इन चीजों को मिलाकर पतंजलि ने बनाई है कोरोना की दवाई 'कोरोनिल'

योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को हरिद्वार में कोरोना वायरस की पहली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल लॉन्च की. यह दवा बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने बनाई है. जिसके बारे में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल दवा को 95 लोगों पर टेस्ट किया गया था. इस दवा का असर सिर्फ तीन दिन की भीतर दिखने लगा.

author-image
Yogendra Mishra
एडिट
New Update
New Project  38

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को हरिद्वार में कोरोना वायरस की पहली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल लॉन्च की. यह दवा बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने बनाई है. जिसके बारे में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल दवा को 95 लोगों पर टेस्ट किया गया था. इस दवा का असर सिर्फ तीन दिन की भीतर दिखने लगा. तीन दिन में ही 69 प्रतिशत कोरोना के मरीज ठीक हो गए. जबकि 7 दिन में 100 फीसदी मरीज रिकवर हो गए. दवा कि क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है.

कैसे बनी दवा

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा रामदेव ने बताया कि इस आयुर्वेदिक दवा को बनाने में सिर्फ देसी सामान का इस्तेमाल किया गया है. जिसमें मुलैठी समेत कई चीजें शामिल हैं. साथ ही गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वासारि का भी इस्तेमाल इसमें हुआ है. उन्होंने बताया कि गिलोय में पाने जाने वाले टिनोस्पोराइड और अश्वगंधा में पाए जाने वाले टिनोस्पोराइड और अश्वगंधा में पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल तत्व और श्वासारि के रस के प्रयोग से इस दवा का निर्माण हुआ है.

मरीज को कैसे देते हैं दवा

पतंजलि द्वारा लांच किए गए इस 'दिव्य कोरोना किट' में तीन तरह की दवाएं होती है. इसमें कोरोनिल टैबलेट के अलावा रेस्पिरेटरी सिस्टम को दुरुस्त करने वाली श्वसारी वटी भी मिलेगी. साथ ही नेजल ड्रॉप के तौर पर अणुतेल का भी इस्तेमाल किया गया है. इसे सुबह के वक्त तीन-तीन बूंद नाक में डाला जाता है. इसके बाद खाली पेट श्वसारि की तीन-तीन टैबलेट दी जाती है, जिसमें अकर्करा, रुदन्ति और काकड़ा सिंगी जैसी जड़ी बूटिंया शामिल हैं. खाने के बाद मरीज को कोरोनिल की तीन गोलियां दी जाती है.

क्या है दवा की कीमत

बाबा रामदेव ने बताया कि पतंजलि मेगा स्टोर पर यह दवा करीब 600 रुपये में उपलब्ध होगी. हालांकि जिन गरीब परिवारों के पास इसे खरीदने के लिए 600 रुपये भी नहीं हैं, उन तक इसे मुफ्त पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है. पतंजलि के लैब में 500 वैज्ञानिक के सहयोग से इस दवा को विकसित किया जा सका है. लॉकडाउन में सिर्फ कर्फ्यू के दिन छोड़ दें तो वैज्ञानिकों ने इसे बनाने में दिन रात मेहनत की है.

पहले आयुर्वेद दवाओं को समझने के लिए जानवरों पर रिसर्च नहीं होते थे, लेकिन पतंजलि के लैब में अब जानवरों पर भी दवाओं का टेस्ट किया जाने लगा है. इसमें हम देखते हैं कि आयुर्वेद की दवा का जानवर के लिवर, किडनी, हार्ट और दिमाग पर कैसा अरस हो रहा है.

Source : News Nation Bureau

corona-virus patanjali BABA RAMDEV
Advertisment
Advertisment
Advertisment