आज से संसद में बजट (Budget Session 2019) सत्र शुरू हो रहा है. विपक्ष लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2019) को देखते हुए जहां मोदी (PM Narendra Modi) सरकार को घेरने की कोशिश करेगा तो वहीं देश की निगाहें हरियाणा की जींद (Jind) और राजस्थान की रामगढ़ (Ramgarh) विधानसभा सीट (Assembly Election) पर हुए उपचुनाव (Byelection) के आज आने वाले नतीजे पर होगी. जाटलैंड कहे जाने वाले जींद में 1972 के बाद कोई जाट विधायक नहीं बना है, न ही अबतक BJP का खाता खुला है.
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वहीं, राजस्थान के रामगढ़ में उम्मीदवार के निधन के कारण तब बाकी सीटों के साथ चुनाव नहीं हो सके थे. जींद चुनाव की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने अपने मीडिया प्रभारी और कैथल से विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतारा है. कुछ महीने बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा इसके परिणाम की गूंज दिल्ली की सत्ता तक सुनाई देगी.
#Rajasthan: Counting of votes for Ramgarh assembly seat begins; Visuals from the counting centre pic.twitter.com/0FnoL9c6PT
— ANI (@ANI) January 31, 2019
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जींद में 28 जनवरी को उपचुनाव हुए. चुनाव के दौरान बूथों पर मतदाताओं का उत्साह देखते ही बना. बूथों पर लंबी कतारें लगीं रहीं. जींद में 1.7 लाखवोटर हैं जिनमें से अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है. जाटों का लगभग 25 प्रतिशत वोट है. अभी इस सीट पर इंडियन लोकदल का कब्जा है.
यह इनेलो की सीट रही है. फिर भी कांग्रेस बीजेपी की सत्ता विरोधी लहर में खुद की जीत और इनेलो की हार देख रही है. यह उपचुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि इस साल हरियाणा में विधानसभा चुनाव होंगे और जीत-हार का समीकरण जींद से सीधा जोड़कर देखा जाएगा.
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कह सकते हैं यह उपचुनाव मैदान में उतरे सभी चार पार्टियों सत्तारूढ़ बीजेपी, कांग्रेस, इनेलो और नई बनी पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के लिए एक अग्निपरीक्षा है. सुरजेवाला का दांव थोड़ा भारी लग रहा है क्योंकि उन्होंने पहले इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला को हराया था.
#Haryana: Counting of votes for Jind assembly seat by-election to begin shortly amid tight security pic.twitter.com/1MLsncNxlb
— ANI (@ANI) January 31, 2019
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इनेलो के विधायक डॉक्टर हरिचंद मिढ्ढा के निधन के कारण यह उपचुनाव चुनाव हुआ है. मैदान में कुल 21 उम्मीदवार हैं लेकिन मुकाबला 4 प्रत्याशियों के बीच है. बीजेपी की ओर से कृष्ण मिढ्ढा प्रत्याशी हैं. उनके पिता हरिचंद मिढ्ढा यहां से विधायक थे.
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राजस्थान में हुए रामगढ़ उपचुनाव पर वोटिंग पहले 7 दिसंबर 2018 को होने वाली थी लेकिन ऐन चुनाव के पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह का निधन हो जाने के बाद इसे टालना पड़ा. चुनावी मैदान में 20 उम्मीदवार हैं लेकिन असली लड़ाई कांग्रेस की सफिया जुबैर खान, बीजेपी के सुखवंत सिंह और बसपा के जगत सिंह के बीच है.
Source : News Nation Bureau