जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का स्वागत करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महज 72 घंटों में 72 साल की व्यथा को खत्म कर दिया. इसके साथ ही राम माधव ने जोर देकर कहा कि सच तो यह है कि धारा 370 का इस्तेमाल कर लोगों को उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा गया. उन्होंने यह बात कोच्चि में 'न्यू इंडिया न्यू कश्मीर' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही.
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मूलभूत अधिकारों के खिलाफ थी धारा 370
राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का विरोध कर रहे लोगों को समझना चाहिए कि यह धारा मूलभूत अधिकारों के खिलाफ थी. कश्मीर का अपना अलग कानून होगा, अलग नागरिक होंगे और नागरिकों के सामान्य अधिकारों का चयन भी राज्य सरकार करेगी यह सब कुछ अनुच्छेद 35-ए के नाम पर किया गया. इसे बड़ी चतुराई के साथ 1954 में जोड़ा गया था. इस अनुच्छेद ने लोगों को दो भागों में बांट दिया. एक के पास दूसरे की तुलना में कहीं ज्यादा अधिकार थे.
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आर्थिक रूप से भी पछड़ा राज्य
राम माधव ने कहा कि इसका एक अर्थ यह भी था कि जम्मू-कश्मीर की अनुसूचित जातियों को आरक्षण नहीं मिल सका. जम्मू-कश्मीर भारत का एकमात्र ऐसा राज्य रहा जहां अल्पसंख्यक या महिला आयोग तक नहीं था. यह लोगों के विकास और गरिमा के खिलाफ था. धारा 370 का पक्ष लेने वालों को आड़े हाथों लेते हुए राम माधव ने कहा कि केरल की सैकड़ों कंपनियां हैं, जो बांबे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) या न्यूयॉर्क सरीखे अंतरराष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हैं. यह अलग बात है कि जम्मू-कश्मीर से सिर्फ जम्मू एंड कश्मीर बैंक ही बीएसई में सूचीबद्ध है.
HIGHLIGHTS
- कोच्चि में राम माधव ने धारा 370 को मूलभूत अधिकारों के खिलाफ बताया.
- उन्होंने कहा कि धारा 370 से राज्य को विकास के रास्ते पर बढ़ने से ही रोका.
- लोगों को अधिकार संपन्न और अधिकार विहीन समूह में ही बांटा.