देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर 28 मई को हुए उप-चुनाव के नतीजे आए गए हैं। इस उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है।
बीजेपी इन 14 में से सिर्फ दो सीटों पर जीत दर्ज कर पाई जबकि पहले से जिन सीटों पर उसका कब्जा था उसपर भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि नागालैंड में बीजेपी समर्थित उम्मीदवार को जीत जरूर मिली है।
लोकसभा की 4 सीटों का हाल
उत्तर प्रदेश में कैराना सीट पर हारी बीजेपी
इस उपचुनाव में सबसे बड़ा मुकाबला यूपी के कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर के विधानसभा सीट पर था। बीजेपी को इन दोनों ही जगहों पर हार का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय लोक दल की उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने तमाम विपक्षी दलों के समर्थन से बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह को 44 हजार 618 वोटों से हरा दिया। इस जीत के साथ ही तबस्सुम हसन यूपी से 16 वीं लोकसभा में संसद पहुंचने वाली पहली मुस्लिम महिला सांसद बन गई हैं।
महाराष्ट्र के पालघर में बीजेपी को मिली जीत तो भंडारा गोंदिया में एनसीपी ने दी शिकस्त
महाराष्ट्र के गोंदिया-भंडारा और पालघर सीट पर उपचुनाव हुए थे। पालघर सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की लेकिन गोंदिया-भंडारा में उसे एनसीपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
पालघर सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी के राजेंद्र गावित और शिवसेना के श्रीनिवास वनगा के बीच था जिसमें गावित ने बाजी मार ली। गावित ने 29 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। वहीं भंडारा गोंदिया सीट पर बीजेपी अपनी इज्जत नहीं बचा पाई और एनसीपी उम्मीदवार मधुकर कुकड़े ने हेमंत पटले को 48 हजार 97 वोटों के अंतर से हरा दिया।
नागालैंड में NDPP ने मारी बाजी
नागालैंड के लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में NDPP उम्मीदवार तोखेहो येपथेमी को जीत मिली है। येपथेमी को बीजेपी ने भी समर्थन दिया था और उन्हें 594202 वोट मिले। वहीं कांग्रएस समर्थित एनपीएफ प्रत्याशी अपोक जमीर को 42 हजार 459 वोट मिले।
राज्यों के 10 विधानसभा सीटों पर इन दलों को मिली जीत
उत्तर प्रदेश - बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नईमुल हसन ने सीधे मुकाबले में बीजेपी उम्मीदवार अवनि सिंह को 6 हजार 211 वोटों से हरा दिया। पहले इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था। समाजवादी पार्टी को इस सीट से पहली बार जीत मिली है।
बिहार - अररिया जिले के जोकीहाट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल प्रत्याशी शाहनवाज आलम ने जनता दल युनाइटेड के उम्मीदवार मुर्शीद आलम को 41 हजार 224 वोटों के भारी अंतर से हरा दिया। शाहनवाज को 81 हजार 240 वोट मिले थे जबकि मुर्शीद आलम को 40 हजार 16 वोट मिले। बिहार में एनडीए के लिए यह दोहरा झटका है क्योंकि इससे पहले अररिया लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी नीतीश कुमार की पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।
झारखंड - सिल्ली विधानसीट पर हुए उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सीमा महतो ने जीत दर्ज की है। सीमा ने एजेएयसू प्रत्याशी सुदेश महतो को हराया। वहीं गोमिया सीट पर भी जेएमएम उम्मीदवार की उम्मीदवार बबीता देवी को ही जीत मिली। उन्होंने अपनी प्रतिद्विंदी एजएयसू उम्मीदवार को 2000 वोटों के अंतर से हराया।
पश्चिम बंगाल - महेश्तला विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार दुलाल दास ने जीत दर्ज की है। दुलाल ने बीजेपी उम्मीदवार सुजीत घोष को 62 हजार 896 वोटों से शिकस्त दी है।
पंजाब - पंजाब के शाहकोट विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के हरदेव सिंह लाडी को जीत मिली है। लाडी ने अकाली दल के उम्मीदवार नायब सिंह कोहाड़ को 38 हजार 802 वोट से शिकस्त दी है।
उत्तराखंड - थराली विधानसभा सीट पर बीजेपी के लिए खुशखबरी आई। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की उम्मीदवार मुन्नी देवी ने कांग्रेस प्रत्याशी जीतराम को 1872 वोटों से हरा दिया।
केरल - चेंगन्नुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी सीपीएम के प्रत्याशी एस चोरिया ने 20956 वोटों से जीत दर्ज की है। सीपीएम उम्मीदवार चेरियां को 67 हजार 303 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 46347 वोट और बीजेपी को 35270 वोट मिले।
कर्नाटक - कर्नाटक के राजराजेश्वरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार मुनिरत्ना को जीत मिली है। उन्होंने 25 हजार 492 वोटों के अंतर से बीजेपी उम्मीदवार मुनिराजू गौड़ा को मात दी है। अब कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस की 79 सीटों हो गई हैं।
मेघालय - अंपाती सीट पर हुए उप-चुनाव में में कांग्रेस उम्मीदवार मियानी डी शिरा ने 3191 वोटों से जीत दर्ज की है। उन्होंने एनपीपी उम्मीदवार जो मोमीन को हराया है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पलूस-कडेगाव विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अंतिम समय में बीजेपी प्रत्याशी संग्राम सिंह देशमुख के नाम वापस ले लेने की वजह से कांग्रेस उम्मीदवार विश्वजीत कदम ने निर्विरोध जीत दर्ज की है। यह सीट विश्वजीत के पिता पतंगराव कदम के निधन के बाद खाली हुई थी।
Source : News Nation Bureau