उत्तर प्रदेश के उपचुनावों के परिणामों से खुश अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ जनादेश है। साथ ही कहा है कि इन परिणामों से देश की आगे की राजनीति भी तय होगी।
प्रेस कांफ्रेस के बाद अखिलेश यादव ने मायावती से उनके घर जाकर मुलाकात की। इस मुलाकात की जानकारी मीडिया को उपलब्ध नहीं कराई गई। लेकिन ऐसी खबर है कि दोनों काफी गर्म जोशी से मिले।
एसपी और बीएसपी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं और दोनों पार्टियों की विरोध इस कदर रहा है कि मायावती एसपी के नेताओं से बात तक नहीं करती थी। लेकिन बुधवार को दोनों पार्टियों के प्रमुख करीब 23 साल बाद हुई।
इस जीत के लिये उन्होंने बीएसपी सुप्रीमो मायावती के साथ निषाद पार्टी, पास पार्टी और वामदलों के समर्थन को श्रेय दिया।
उप चुनाव में फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों को बीजेपी से झटकने के बाद अखिलेश यादव ने कहा, 'केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के लिये ये जनादेश है... लोग इकट्ठा हुए हैं बीजेपी का बुरे दिन लाने के लिये।'
इस जीत के लिये उन्होंने बार-बार मायावती को धन्यवाद दिया। हालांकि दोनों ही दल उत्तर प्रदेश में एक दूसरे के धुर राजनीतिक विरोधी हैं।
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उन्होंने कहा, 'सबसे पहले मैं बीएसपी की नेता मायावती को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने एसपी के उम्मीदवार को इस महत्वपूर्ण लड़ाई में समर्थन दिया।'
उन्होंने कहा कि जो सरकार जनता को परेशान करती है उसे गिरा देना चाहिये इस सरकार ने लोगों के मन में डर पैदा किया है।
उन्होंने कहा, 'लाखों लोगों ने इन दोनों सीटों पर हमें समर्थन दिया। उत्तर प्रदेश के चुनावों से राजनीतिक संदेश मिलता है। वो भी जब मुख्यमंत्री की सीट जिसे वो कभी नहीं हारे थे और दूसरी उप मुख्यमंत्री की सीट तो ये और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर यहां के लोग इतने नाराज़ हैं तो सोचिये पूरे देश में कितनी नाराज़गी होगी।'
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने किसानों का कर्ज माफ करने की बात की थी और युवाओं को रोज़गार लेकिन जीएसटी और नोटबंदी से उन्होने माहौल खराब कर दिया।
उन्होंने कहा, 'किसी भी मुख्यमंत्री ने संविधान का उल्लंघन इस तरह से नहीं किया... हम (एसपी और बीएसपी) को सांप और जासूस की तरह दिखाया गया हमे तो औरंगज़ेब तक कहा... बीजेपी सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास के नाम पर देश और राज्य के लोगों को धोखा दिया अब लोगों ने उन्हें उचित जवाब दिया है।'
उन्होंने इस जीत को सामाजिक न्य़ाय करार दिया।
अखिलेश ने दावा किया, 'बीजेपी की हार लाखों वोटों से होती अगर बैलट पेपर से वोटिंग की गई होती।'
अपने प्रेस कांफ्रेंस में हालांकि उन्होंने भविष्य में गठबंधन को लेकर किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।
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Source : News Nation Bureau