अभी कृषि कानूनों पर जारी धरना-प्रदर्शन का दौर धीमा भी नहीं पड़ा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एक और बर्र के छत्ते को छेड़ दिया है. खासकर यह देखते हुए कि कोरोना संक्रमण काल से पहले ही इस मसले को लेकर देश भर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. गुरुवार को बंगाल दौरे पर गए अमित शाह ने ठाकुरनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए घोषणा की कि कोरोना का टीकाकरण खत्म होने के तुरंत बाद बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू कर दिया जाएगा. इस घोषणा के भी अपने सियासी मायने हैं. बीजेपी बंगाल में जय श्रीराम के नारे पर सूबे की ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) सरकार को लगातार घेर रही है. इसके साथ ही उसके निशाने पर अवैध रूप से बसे बांग्लादेशी भी है, जो अवैध कागजों के बल पर नागरिकता हासिल कर चुके हैं और तृणमूल कांग्रेस के वोटर माने जाते हैं. जाहिर है इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में घमासान और तेज होगा.
CAA नागरिकता देता है, छीनता नहीं
गुरुवार को ठाकुरगंज में रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीएए भारतीय मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. इसको लेकर गुमराह किया जा रहा है. मुसलमान भारतीय नागरिक हैं और हमेशा रहेंगे. ऐसे में भारतीय मुसलमानों के भेदभाव बतौर पेश किया जा रहा है सीएए कानून. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय मुसलमानों को एक बार फिर आश्वस्त करते हुए कहा कि भारतीय मुसलमानों को सीएए को लेकर डरने की कतई कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने बंगाल को पवित्र भूमि की संज्ञा देते हुए कहा कि सीएए वास्तव में नागरिकता देने का कानून है, ना कि नागरिकता छीनने का. सीएए में भारतीय मुसलमानों की नागरिकता छीनने का कहीं कोई जिक्र तक नहीं है. इसे कोरोना टीकाकरण के बाद लागू किया जाएगा.
यह भी पढ़ेंः ‘नए खतरों' के बीच आर्मी चीफ नरवणे ने कहा- आक्रामकता बनाए रखनी होगी
ममता ने कहा था CAA नहीं करेंगी लागू
सीएए को लेकर ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा, 'दीदी कह रही हैं कि वह हमें सीएए लागू नहीं करने देंगी. मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि संसद में पारित होकर बने कानून को वह कैसे अमल में लाने से रोक सकती हैं. फिर दूसरी सबसे बड़ी बात यही है कि अप्रैल में ममता दीदी मुख्यमंत्री ही नहीं रहेंगी, तो फिलहाल तो वह अपना ध्यान आसन्न विधानसभा चुनाव पर ही लगाएं.' ठाकुरनगर रैली में सीएए पर अमित शाह का यह स्पष्टीकरण बीजेपी सांसद और माटुआ समुदाय के बड़े नेता शांतनु ठाकुर की अपील पर आया. शांतनु ठाकुर ने गृह मंत्री अमित शाह से सीएए पर केंद्र सरकार की स्थिति साफ करने का आग्रह किया था. इसी कारण अमित शाह ने कहा, 'अपने माटुआ भाई-बहनों से हमने 2018 में वादा किया था कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए हम नागरिकता कानून लेकर आएंगे. हमने अपने इस वादे को 2019 में पूरा किया. इसकी एक वजह यही है कि माटुआ समुदाय हमेशा बीजेपी के साथ रहा है.'
यह भी पढ़ेंः किसानों की मांग पर सरकार गंभीर नहीं, और तेज होगा आंदोलन
कूचबिहार में जय श्रीराम नारे पर तीखा हमला
इससे पहले कूचबिहार में आयोजित रैली में अमित शाह ने जय श्रीराम के नारे और ममता सरकार की आक्रामक कार्रवाई पर फिर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'अगर भारत में जय श्रीराम के नारे नहीं लगाए जाएंगे, तो क्या यह पाकिस्तान में लगाए जाएंगे?' उन्होंने कूच बिहार जिले में परिवर्तन यात्रा शुरू करते हुए एक रैली के दौरान यह बात कही. शाह ने दावा किया कि मई के बाद (जब विधानसभा चुनाव समाप्त होंगे) ममता बनर्जी मुख्यमंत्री नहीं रहेंगी. उन्होंने साथ ही कहा कि वह भी तब तक ‘जय श्रीराम’ कहने लगेंगी. शाह बीजेपी कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या के बारे में भी बोले और चेतावनी देते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा. शाह गुरुवार को असम के चिरांग जिले में ग्रेटर कूच बिहार पीपुल्स असोसिएशन (जीसीपीए) के प्रमुख अनंत रॉय से मिले. गौरतलब है कि शाह की रैली के दौरान ही कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीजेपी की परिवर्तन यात्रा पर रोक से जुड़ी जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता ने टीएमसी की लीगल सेल का परिचय देकर याचिका दायर की और अदालत राजनीतिक शत्रुता मिटाने की जगह नहीं है.
HIGHLIGHTS
- अमित शाह ने ठाकुरगंज रैली में की सीएए पर घोषणा
- जयश्री राम नारे पर भी ममता बनर्जी पर तीखा हमला
- इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट का यात्रा पर रोक से इंकार