तीन तलाक पर दोनों सदनों में आम सहमति नहीं बनने के बाद मोदी सरकार ने एक बार फिर से अध्यादेश लाकर इस क़ानून को मंजूरी दे दी है. सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंज़ूरी दी गई. बता दें कि इससे पहले अगस्त 2018 में मोदी सरकार तीन तलाक बिल पर अध्यादेश लेकर आई थी जिसकी 22 जनवरी को मियाद ख़त्म हो रही है. बता दें कि अध्यादेश लाए जाने के 6 महीने के अंदर उसे दोनों सदनों में पास कराना होता है जिससे कि वो क़ानून बन सके. शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने तीन तलाक बिल को लोकसभा में पास करा लिया था लेकिन राज्यसभा में अटक गया.
विपक्ष ने यह कहते हुए बिल का विरोध किया कि सरकार ने बिना सबकी सहमित के हड़बड़ी में इसे पेश किया है. अब इससे जुड़ा बिल बजट सत्र में पेश किया जाएगा और वहां से पास होने के बाद ही पक्के तौर पर क़ानून की शक्ल ले पाएगा.
अध्यादेश के मुताबिक, तुरंत तीन तलाक मामले में एफआईआर तभी होगी, जब पीड़ित पत्नी या उनका खून का कोई रिश्तेदार केस दर्ज कराएगा. तत्काल तीन तलाक गैर जमानती अपराध रहेगा लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत मिल सकेगी.
Source : News Nation Bureau