कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को एक पत्र भेजा है जिसमें कैट ने आग्रह किया है की इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय को भेजी जाने वाली सूची में सरकार कैट का भी नाम शामिल करे. दरअसल किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन के मुद्दे के समग्र समाधान के लिए एक कमेटी के गठन का प्रस्ताव रखा था और कहा था, क्योंकि देश के करोड़ों व्यापारियों एवं अन्य वर्गों का भी कृषि कानूनों से सीधा संबंध है, इसलिए कैट को भी इस कमेटी में शामिल किया जाना चाहिए ताकि इस ज्वलंत विषय पर व्यापारियों के पक्ष की भी सुनवाई हो सके.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने तोमर एवं गोयल को भेजे पत्र में कहा है कि कृषि कानून को न केवल किसानों के साथ बल्कि अन्य कई स्टेकहोल्डर्स के साथ सीधा संबंध है जिसमें किसानों द्वारा बीज की बुवाई, जमीन की खेती और अंत में किसानों द्वारा उपजाई गई फसलों को उपभोक्ता तक पहुंचाने का सारा काम व्यापारियों के द्वारा ही होता है. देश भर में करोड़ों व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उक्त समिति के सदस्य के रूप में कैट को अवश्य शामिल किया जाना चाहिए.
देश में बड़ी संख्या में व्यापारी कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियों में लगे हुए हैं, जैसे मंडियों और मंडियों के बाहर काम करने वाले व्यापारी, किसानों को उनकी फसल के लिए परिवहन, अनेक कृषि वस्तु, खाद्यान्न, कृषि उपकरण और औजार, खाद्य प्रसंस्करण, खाद्यान, बीज का व्यापार आदि. इसलिए कृषि बिलों से उपजे वर्तमान मुद्दों पर कोई भी निर्णय लेते समय सभी स्टेकहोल्डर्स के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता है.
उन्होंने आगे कहा कि किसानों के आंदोलन के कारण पहले ही आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गई है जिससे आने वाले समय में लोगों द्वारा आवश्यक सामग्री, दवाओं और दैनिक उपयोग की वस्तुओं सहित सामग्री की आपूर्ति पर एक विपरीत प्रभाव पड़ने की बड़ी सम्भावना है. जिसको देखते हुए कैट को भी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित होने वाली कमेटी में शामिल किया जाना बेहद आवश्यक है.
Source : News Nation Bureau