केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की टिप्पणी का समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि सेना लंबे समय से कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चला रही है. बयान को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए रावत का बचाव करते हुए रेड्डी ने कहा कि कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर का मुद्दा सेना से जुड़ा है, यह एक नागरिक मुद्दा नहीं है. विपक्षी दलों ने यह कहते हुए रावत पर हमला किया था कि यह नागरिक मुद्दा है और सैन्य सेवा से होने के चलते वह इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते. रेड्डी ने मीडिया से कहा उन्होंने कभी नागरिक मुद्दों पर बात नहीं की. उन्होंने देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण पर बात की. वह कभी राजनीतिक और नागरिक मुद्दों पर बात नहीं करते.
बिपिन रावत ने गुरुवार को पहली बार इस तरह का खुलासा करते हुए कहा था कि देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चलाए जा रहे हैं और पूरी तरह से कट्टरपंथी हो चुके लोगों को अलग करने के लिए ये बेहद जरूरी हैं. ‘रायसीना डायलॉग’ को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कश्मीर में हालात का जिक्र करते हुए कहा कि घाटी में 10 और 12 साल के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है, जो चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा, ‘‘इन लोगों को धीरे-धीरे कट्टरपंथ से अलग किया जा सकता है. हालांकि, ऐसे लोग भी हैं जो पूरी तरह कट्टरपंथी हो चुके हैं. इन लोगों को अलग से कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर में ले जाने की आवश्यकता है.’’ एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी समेत कई राजनैतिक हस्तियों ने इस बयान को लेकर रावत पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष आम नागरिक मुद्दों में हस्तक्षेप कर रहे हैं. रेड्डी ने कहा, “यह(कट्टरपंथ से मुक्ति) सेना की जिम्मेदारी है....यह(ये शिविर) बहुत लंबे समय से हैं. यह उनकी (सेना) सेवा का हिस्सा है.'
उन्होंने कहा, “वे कट्टरपंथी स्थानों के तौर पर चिह्नित स्थानों पर जाते हैं और वहां चिकित्सा शिविर आयोजित करते हैं, उन्हें शैक्षिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और माता-पिता की काउंसिलिंग करते हैं. हमारे सैन्यकर्मी हमेशा ऐसा करते हैं.' मंत्री ने आगे कहा कि ये सभी सेवाएं युवाओं को कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने के कार्यक्रम का हिस्सा हैं. हैदराबाद से सांसद औवेसी ने बृहस्पतिवार रात को आदिलाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कट्टरपंथ से मुक्ति उन लोगों को दिलाने की जरूरत है जो पीट पीट कर मार डालते हैं तथा निर्दोष दलितों और मुस्लिमों की हत्या करते हैं. येचुरी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि यह बेहद निंदनीय और चौंकाने वाला बयान है. एक सैन्य कमांडर को ऐसे बयान देने की कोई जरूरत नहीं है. यह हमारे राजनीतिक नेतृत्व की कमजोरी को दर्शाता है जो कश्मीर मामले के लिए नुकसानदेह है.
Source : News Nation Bureau