UP Assembly Election 2022 : उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से ही सभी राजनीतिक पार्टियां जनता को लुभाने के लिए मुद्दे ढूंढ रही हैं, लेकिन इस चक्कर में कांग्रेस बुरी तरह फंसती नजर आ रही है. कांग्रेस ने हिंदू धर्म और हिंदुत्व का मुद्दा छेड़कर बीजेपी का फायदा पहुंचा दिया है, क्योंकि बीजेपी का इन मुद्दों पर एकाधिकार है. अगर हम 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव को देखें तो बीजेपी के लिए हिंदुत्व का मुद्दा उभारना एक सफल प्रयोग साबित हुआ है.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की किताब से उठे बवाल ने इतना तय कर दिया है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में हिंदुत्व का मुद्दा ही छाया रहेगा. पिछले दो दिनों में हिंदू और हिंदुत्व को लेकर कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं ने बयान जारी कर बीजेपी को घेरना का प्रयास किया है, लेकिन बीजेपी ने पलटवार करने में देरी नहीं की.
कहा जा रहा था कि सलमान खुर्शीद के बयान से कांग्रेस खुद को किनारा कर लेगी, लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी खुद खुर्शीद के बचाव में आ गए हैं. राहुल गांधी ने हिंदू और हिंदुत्व को दो अलग-अलग चीजें बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयं संघ (RSS) पर निशाना साधा और उनकी विचारधारा को नफरत भरी बता दिया. इस पर भाजपा ने राहुल गांधी के बयान को हिंदू धर्म पर करारा हमला बताया और कहा कि उनका बयान संयोग नहीं, बल्कि प्रयोग है.
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इस बीच कांग्रेस के एक और नेता राशिद अल्वी ने आग में घी डालने वाला काम करते हुए जय श्री राम का नारा लगाने वालों की तुलना रामायण के कालनेमि राक्षस से कर दी. इस तरह का बयान कांग्रेस की ओर से कोई पहली बार नहीं आया है, बल्कि शशि थरूर, दिग्विजय सिंह और मणिशंकर अय्यर भी विवादित बयान चुके हैं.
कांग्रेस की ओर से इस तरह के किए जाने वाले बयानबाजी यूपी चुनाव में बड़ा घातक साबित हो सकती है. हिंदू धर्म और हिंदुत्व का मुद्दा बीजेपी यूपी चुनाव में भुनाने की कोशिश करेगी, लेकिन कांग्रेस के लिए घाटे का सौदा हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. हालांकि, अभी चुनाव में 6 माह बचे हैं. ऐसे में मुद्दा भी बदल सकता है.