कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की राज्यसभा सदस्यता खत्म होने वाली है. ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि कपिल सिब्बल इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर राज्यसभा जा सकते हैं. यह कयास इसलिए भी लगाया जा रहा है क्योंकि कपिल सिब्बल फिलहाल कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं. वे कांग्रेस में ग्रुप 23 के नेता माने जाते हैं जिनकी अगुवाई गुलाम नबी आजाद कर रहे हैं. हालांकि सिब्बल की JMM से भी बात चल रही है लेकिन सपा उनको भेजने के पक्ष में नजर आ रही है. सिब्बल से पार्टी नेतृत्व की बात लगभग फाइनल स्टेज में है.
कपिल सिब्बल मुलायम परिवार और अखिलेश सरकार के कई केस लड़ते रहे हैं. पिछली बार भी जब कांग्रेस ने सिब्बल को यूपी से टिकट दिया था तब मुलायम सिंह यादव ने उनका समर्थन किया था क्योंकि कांग्रेस के पास जरूरी वोट नहीं थे. दरअसल उस वक्त मुलायम ने शर्त रखी थी की वे विधायकों का समर्थन तभी देंगे कब सिब्बल को कांग्रेस चुनाव लड़वाएगी. राहुल गांधी पर सीधे हमला बोलने के बाद से ही सिब्बल से गांधी परिवार नाराज़ हैं. वहीं चिंतन शिविर में भी सिब्बल ने हिस्सा नहीं लिया था.
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कपिल सिब्बल ग्रुप 23 के नेता हैं जो पार्टी में बदलाव के समर्थक हैं लेकिन राहुल गांधी इसका समर्थन नहीं करते. इसलिए कांग्रेस में वे ग्रुप 23 नेताओं के साथ अलग-थलग पड़े हुए हैं. उनका राज्यसभा का कार्यकाल जुलाई में खत्म होने वाला है. बीजेपी के खिलाफ वे कई मामले की पैरवी सुप्रीम कोर्ट में की है. चाहे वे सीएए का मामला हो, निजता का अधिकार हो, मराठा कोटा है या हालिया जहांगीर पुरी का मामला हो. इन सब केस में वे कांग्रेस का ही पक्ष लेकर केस लड़े हैं.
हाल ही में उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए भी केस लड़ा है. बेशक ही वे अब भी कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हों लेकिन कांग्रेस में वे अलग-थलग पड़ गए हैं. हालांकि उनका राजनीतिक भविष्य अभी थमा नहीं है. कई पार्टियां उन्हें राज्यसभा में भेजना चाहती है. पिछले दिनों राजद की ओर से भी उन्हें राज्यसभा में भेजे जाने की चर्चा चली थी. इसके अलावा हेमंत सोरेन की पार्टी ने भी उन्हें राज्यसभा में भेजने का ऑफर दिया है.