एक दिन पहले अप्रत्याशित कदम उठाते हुए आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने CBI को राज्य में कार्रवाई करने से रोक लगा दी. उसी दिन रात में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार ने वहां भी यही नियम लागू कर दिया. कांग्रेस और दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने नायडू के कदम का समर्थन किया है. अब सवाल उठता है कि क्या राज्य सरकारों को यह अधिकार है कि वह CBI जैसी महत्वपूर्ण संस्था को कार्रवार्इ से रोकें. जानिए एक्टपर्ट क्या कहते हैं:
क्या राज्य सरकार सीबीआई को अपने यहां कार्रवाई करने से रोक सकती है?
एक्सपर्ट : संविधान के मुताबिक, क़ानून व्यवस्था राज्य का विषय है. DSPE एक्ट के सेक्शन 5 और 6 के तहत केंद्र और बाकी केंद्र शासित राज्यों में कार्रवाई के लिए उनकी इजाज़त ज़रूरी है. ऐसा न होने पर सीबीआई के अधिकारी बतौर 'पुलिस' अपनी ऑथरिटी खो देंगे.
क्या हर मामले में हर बार राज्यों की परमिशन लेनी होती है?
एक्सपर्ट : आमतौर पर राज्यों को ओर से सीबीआई को पहले से ही जनरल परमिशन मिली होती है, आउट रूटीन प्रकिया के तहत उसका समय समय पर नवीनीकरण होता रहता है, इसलिए विवाद पैदा नहीं होता. केंद्र और राज्यों के सम्बन्धों के तनाव के चलते अब ऐसे हालात बने हैं.
क्या कोर्ट से सीबीआई जांच के आदेश पर भी राज्यों की परमिशन ज़रूरी?
एक्सपर्ट : सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के साल 2010 में दिए गए आदेश के मुताबिक कोई भी कोर्ट सीबीआई जांच का आदेश दे सकता है. न्यायिक शक्ति का इस्तेमाल करते हुए ये आदेश दिया जा सकता है. अमूनन ऐसे आदेश तब दिए जाते है, जब कोर्ट याचिकाकर्ता की इस दलील से संतुष्ट होता है कि राज्य सरकार की एजेंसी किसी विशेष मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर पायेगी. ऐसे में कोर्ट के आदेश के बाद जांच कर रही सीबीआई को भी राज्य सरकार की ज़रूरत नहीं.
केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जांच में क्या परमिशन ज़रूरी?
एक्सपर्ट : दिल्ली हाई कोर्ट के पिछले दिनों दिये गए आदेश के मुताबिक अगर किसी अपराध का सम्बंध कई राज्यो में मौजूद दफ्तरों, लोगों से है, तो सीबीआई को सिर्फ उस राज्य की अनुमति की दरकार है, जहां क्राइम हुआ है. बाकी राज्यों में अपनी कार्रवाई वो बिना परमिशन करने के लिए भी स्वतंत्र है. वैसे सीबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक कुछ क्राइम उसके अधिकार क्षेत्र में भी आते है, मसलन एक निश्चित रकम के ज़्यादा की रकम वाले अपराध.
Source : News Nation Bureau