कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ चल रहे चंद इलाकों के किसानों के आंदोलन (Farmers Agitation) को लेकर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) को अंततः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सामने हाथ जोड़ने ही पड़े. मोदी सरकार की आलोचना करने की वजह से ट्रूडो भारत की वैक्सीन कूटनीति के बावजूद कोविड-19 टीका मांगने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. यहां तक कि भारत को छोड़ दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन के लिए हाथ फैलाने पर ट्रूडो की उनके ही देश में जबरदस्त किरकिरी भी हो रही थी. कनाडा की ही सांसद मिशैल रिम्पेल गार्नर ने इस बारे में ट्रूडो मंत्रिमंडल की एक मंत्री से बातचीत कर और हंसी उड़वा दी थी. ऐसे में घरेलू मोर्चे पर हो रही किरकिरी और कनाडाई सिखों के दबाव को दरकिनार कर ट्रूडो ने पीएम मोदी को फोन कर वैक्सीन की मांग की. जाहिर वसुधैव कुटुम्बकम की नीति पर चलने वाले भारत देश ने उनकी मदद करना स्वीकार भी कर लिया.
Was happy to receive a call from my friend @JustinTrudeau. Assured him that India would do its best to facilitate supplies of COVID vaccines sought by Canada. We also agreed to continue collaborating on other important issues like Climate Change and the global economic recovery.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 10, 2021
पीएम मोदी ने कहा- हम आपके साथ
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो को आश्वस्त किया कि भारत कनाडा के टीकाकरण प्रयासों में पूरा सहयोग करेगा. कनाडाई प्रधानमंत्री ने मोदी को फोन कर अपने देश में कोविड-19 के टीकों की जरूरतों के बारे में बात की थी. प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने जस्टिन ट्रूडो को आश्वस्त करते हुए कहा, 'भारत ने जैसे कई अन्य राष्ट्रों के लिए किया, ठीक उसी तरह कनाडा के टीकाकरण प्रयासों को सहयोग देने में अपना सर्वश्रेष्ठ करेगा.' बयान के मुताबिक ट्रूडो ने इस अवसर पर कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत की अभूतपूर्व औषधीय क्षमता का महत्वपूर्ण योगदान होगा. भारत की इस क्षमता को विश्व के साथ साझा करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की. ट्रूडो की इस भावना के लिए मोदी ने उनका धन्यवाद किया.
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अन्य कई मुद्दों पर भी चर्चा की
दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन और कोरोना महामारी के आर्थिक दुष्प्रभावों सहित कई अन्य अहम मुद्दों पर करीबी साझेदारी जारी रखने पर सहमति जताई. बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कनाडा द्वारा कोविड-19 टीकों की मांग के अनुरूप आपूर्ति करने की भारत भरपूर कोशिश करेगा. गौरतलब है कि कनाडा कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है और वहां कोविड-19 मरीजों की न सिर्फ बड़ी संख्या है, बल्कि वैक्सीन नहीं होने से बड़े पैमाने पर टीकाकरण भी शुरू नहीं हो पा रहा है. ऐसे में कनाडा की स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य महकमा दुनिया के अन्य देशों से कोरोना टीका उपलब्ध कराने की मदद मांग रहा है. इधर भारत दो कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर न सिर्फ विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर चुका है, बल्कि पड़ोसी देशों के साथ अन्य मित्र देशों को भी कोरोना वैक्सीन की अच्छी मात्रा उपलब्ध करा रहा है. ऐसे में कनाडा की सांसद मिशैल ने एक मंत्री से पूछा था कि क्या ट्रूडो ने पीएम मोदी से कोरोना वैक्सीन को लेकर कोई बात की, तो वह जवाब देती पाई गईं कि नहीं. हालांकि वह यह जरूर कहती हैं कि कनाडा अन्य देशों से कोरोना वैक्सीन हासिल करने के प्रयास कर रहा है. ऐसे में मिशैल तीखे स्वर में कहती हैं पीएम मोदी से बात ही नहीं की गई.
Update: after this exchange, Trudeau called @narendramodi. Thank you to the Indian government for taking the call! Opposition political pressure works. https://t.co/nKkkUicUD5
— Michelle Rempel Garner (@MichelleRempel) February 10, 2021
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सिख सांसदों के दबाव में हैं ट्रूडो
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों का समर्थन कर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो पहले ही मोदी सरकार से एक दूरी बना चुके हैं. किसान आंदोलन पर ट्रूडो की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने साफ कहा था कि इस तरह ट्रूडो द्विपक्षीय संबंधों को खराब कर लेंगे. यही नहीं विदेश मंत्रालय ने कृषि कानूनों समेत आंदोलन को अपना निजी मामला बता कर दायरा लांघने की कोशिश नहीं करने की चेतावनी भी दी थी. यही नहीं, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को अब तक कई ऐसे संकेत मिल चुके हैं किसान आंदोलन को भारत विरोधी बनाने के लिए कनाडा के ही कुछ लोग न सिर्फ फंडिंग कर रहे हैं, बल्कि अफवाह फैला माहौल बिगाड़ने की फिराक में भी हैं. संभवतः यही वजह है कि सिखों के दबाव में कनाडाई पीएम ट्रूडो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर कोरोना वैक्सीन नहीं मांग पा रहे हैं. एक तो उनके पास इसकी नैतिक शक्ति नहीं रही है. दूसरे भारत से कोरोना वैक्सीन मांग पर वह प्रभावशाली सिखों की आंखों का कांटा भी नहीं बनना चाहते हैं. यह अलग बात है कनाडा कोरोना से जूझ रहा है. इसी को लेकर ट्रूडो की जमकर किरकिरी हो रही है.
HIGHLIGHTS
- घरेलू मोर्चे पर हो रही किरकरी के आगे झुके कनाडाई पीएम ट्रूडो
- कोरोना लहर का सामना करने के लिए पीएम मोदी से मांगी मदद
- इसके पहले किसान आंदोलन पर मोदी सरकार को कठघरे में किया खड़ा