पंजाब कांग्रेस में जारी सियासी घमासान भले ही फिलहाल थमता नजर आ रहा हो लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amrinder Singh) कांग्रेस के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दूसरा बार दिल्ली दौरा कई मायनों में अहम रहने वाला है. अब कैप्टन के अगले कदम का इंतजार किया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि अगले सप्ताह कैप्टन नए राजनीतिक दल का ऐलान कर सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती खड़ी होगी.
कैप्टन अमरिंदर सिंह यह साफ कर चुके हैं कि वह अब कांग्रेस में नहीं रहेंगे. दूसरी तरफ पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद पार्टी के सामने इस पर फैसला लेने की भी बड़ी चुनौती है. सियासी गलियारों में यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि कैप्टन द्वारा गठित जाट महासभा जोकि इन दिनों सक्रिय नहीं है, को फिर सक्रिय किया जाएगा ताकि पंजाब के किसानों खासतौर पर जाट सिखों को जोड़ा जा सके.
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गौरतलब है कि अपने पिछले दिल्ली दौरे के दौरान कैप्टन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी लेकिन पंजाब में कांग्रेस समेत सभी सियासी दलों ने उनकी मुलाकात पर सवाल खड़े कर दिए कि कैप्टन किस हैसियत से पंजाब के बारे में मुलाकात करने गए थे.
जब मामले ने तूल पकड़ा को आखिरकार कैप्टन को यह बयान जारी कर पल्ला छुड़ाना पड़ा कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे. अमित शाह और डोभाल से मुलाकात में कैप्टन ने पंजाब को पाकिस्तान से खतरे का हवाला दिया था और पंजाब लौटने के बाद भी कैप्टन ने राज्य की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था. तब कैप्टन पर आरोप लगे कि वह पंजाब में खराब हालात को मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार को सूबे में हस्तक्षेप का मौका दे रहे हैं. अब कैप्टन के ताजा दौरे को लेकर माना जा रहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले हैं.