पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान के बाद अब इतना साफ हो गया है कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस से जल्द इस्तीफा देंगे. अब खबरें सामने आ रही हैं कि वह जल्द ही नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि कैप्टन अगले 15 दिन में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. हाल ही में अमरिंदर सिंह की दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और एनएसए अजित डोभाल से मुलाकात हुई थी. कैप्टन साफ कर चुके हैं कि वह बीजेपी में नहीं जा रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि उनका मकसद तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दर्जन भर से अधिक कांग्रेस नेता कैप्टन के संपर्क में हैं. कैप्टन साफ कर चुके हैं कि वह जो भी फैसला लेंगे अपने समर्थकों के साथ बातचीत के बाद लेंगे. जल्द ही वह कुछ किसानों नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं.
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सिद्धू के खिलाफ खोला मोर्चा
कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने और कांग्रेस छोड़ने पर मजबूर करने के पीछे सबसे बड़ा हाथ नवजोत सिंह सिद्धू को है. कैप्टन साफ कह चुके हैं कि सिद्धू को रोकने को लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू का भी कांग्रेस में कद कमजोर हुआ है. ऐसे में कैप्टन अपने पुराने साथियों को एकजुट कर नए समीकरण बनाने में लगे हैं.
ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कैप्टन के एक करीबी ने यह बताते हुए कि पंजाब में बीजेपी का मजबूत आधार नहीं है कहा, ‘वे पार्टी बनान के रास्ते पर हैं और पंजाब कांग्रेस के मौजूदा हालात के देखते हुए कुछ नेताओं के उनसे जुड़ने की उम्मीद है. यहां एक चुनाव के बाद गठबंधन हो सकता है. अगर नई पार्टी 40 सीटें भी जीत जाती है, तो राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे. एक टूटा हुआ जनादेश राष्ट्रपति शासन का कारण बन सकता है.’
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समर्थकों से सलाह ले रहे अमरिंदर
बताया जा रहा है कि अमरिंदर सिंह समर्थकों से चर्चा कर रहे हैं. वे जल्द कुछ किसान नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं. इसके बाद वे नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि कई कांग्रेसी विधायक और नेता अमरिंदर के समर्थन में हैं. वे कैप्टन के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कर दिया कि वे कांग्रेस में नहीं रहेंगे. यानी जल्द ही वे पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वे भाजपा में नहीं जाएंगे. कैप्टन ने 18 सितंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था. उनके खिलाफ पंजाब कांग्रेस के 40 विधायकों ने मोर्चा खोला था. कैप्टन साढ़े 9 साल पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं. उनका 5 दशक का राजनीतिक करियर है.
Source : News Nation Bureau