शुक्रवार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के लिए शहीद हमारे सात जवानों को मरणोपरांत सम्मान दिया है. बहादुर कैप्टन अंशुमान सिंह (Captain Anshuman Singh) का नाम भी इन सम्मानित शहीदों में शुमार था, जिन्हें कीर्ति चक्र से नवाजा गया. इस सम्मान को प्राप्त करने के लिए कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह समारोह में मौजूद थीं. इस दरमियान, उनके चेहरे पर दुख साफतौर पर झलक रहा था. वो बेहद भावुक थीं, आंखों में आंसू लिए, अपने पति संग बिताए एक-एक कीमती लम्हों को याद कर रही थीं...
नम आंखों के साथ, उन्होंने राष्ट्रपति से कीर्ति चक्र (Kirti Chakra) प्राप्त किया. भावुक कर देने वाले इस पूरे मंजर का वीडियो, अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस खबर में आगे, आप इस बेहद ही खास समारोह से जुड़ी तमाम तस्वीरें देखेंगे... लेकिन इससे पहले शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह और स्मृति सिंह की मोहब्बत की वो कहानी, जो आजतक दुनियावालों के सामने कभी पेश ही नहीं की गई...
लव एट फर्स्ट साइट
ये पहली नजर का प्यार था... सम्मान समारोह के बाद स्मृति ने अपने पति के साथ बिताए गए पलों को शेयर करते हुए कहा. स्मृति ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात, इंजीनियरिंग कॉलेज के फर्स्ट ईयर में हुई. इस इश्क को परवान चढ़े अभी एक अरसा ही बीता था कि, महीनेभर बाद उनका सलेक्शन आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज के लिए हो गया. अब दोनों के बीच मोहब्बत के उस दौर का आगाज हुआ, जिसे दो प्यार करने वाले अक्सर सबसे कठिन मंजिल करार देते हैं, यानि लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप.. हालांकि इस मोहब्बत को मुकाम तब हासिल हुआ, जब आठ साल के लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप के बाद आखिरकार दोनों हमेशा-हमेशा के लिए एक-दूजे के हो गए, दोनों की शादी हो गई.
मगर शायद किस्मत को दोनों की ये खुशी नागवार गुजरी, इसलिए महज एक महीने के बाद कैप्टन अंशुमा न सिंह की सियाचिन में पोस्टिंग हो गई.. दोनों के बीच फोन पर बात करने का सिलसिला से बन गया और तारीख आई 18 जुलाई 2023, इस दिन दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई, दोनों ने एक साथ अगले 50 सालों के जिंदगी के बारे में बात की. अपना घर, अपने बच्चे इन तमाम छोटे-छोटे सपनों का जिक्र किया.. मगर फिर ठीक अगले दिन, 19 जुलाई को उन्हें फोन आया.. उन्हें कहा गया- कैप्टन अंशुमान सिंह नहीं रहे.
तकरीबन सात और आठ घंटों तक तो उन्हें यकीन नहीं हुआ कि, ये सत है. लेकिन जब उन्हें इस कड़वी हकीकत का अंदाजा हुआ, तो वो बुरी तरह टूट गई. मगर उनके लिए तब भी, आज भी और हमेशा-हमेशा के लिए वो हिरो थे. बहादुर कैप्टन अंशुमान सिंह ने दूसरे की जिंदगी बचाने के लिए खुद के लिए मौत चुनी.
19 जुलाई को क्या हुआ था?
जुलाई 2023, कैप्टन अंशुमान सिंह सियाचिन ग्लेशियर में 26 मद्रास से अटैचमेंट पर 26 पंजाब बटालियन के 403 फील्ड में हॉस्पिटल में रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर पद पर तैनात थे. इसी महीने 19 तारीख, बुधवार की तड़के साढ़े तीन बजे सेना के गोला बारूद बंकर में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई. हादसे के वक्त, कई जवान बंकर में फंस गए थे, जब अंशुमान सिंह को इस बात की इत्तला मिली, तो उन्होंने अपने साथी जवानों की जान बचाने के लिए बगैर अपनी जान की परवाह किए बंकर में दाखिल हो गए...
उन्होंने तीन जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला, इसी दौरान वो गंभीर रूप से झुलस गए, जिसके बाद उन्हें एयरलिफ्ट करते हुए चंडीगढ़ लाया गया, जहां कैप्टन अंशुमान सिंह वीर गति को प्राप्त हो गए.
Source : News Nation Bureau