दिल्ली में कार खरीदने का सपना पूरा करना है तो कार पार्किंग की जगह का सबूत देना होगा। सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि कार खरीदने वाले ग्राहकों को पहले पार्किंग की जगह का सबूत देना होगा। जानकारों के मुताबिक यह प्रस्ताव काफी मुश्किलें पैदा करने वाला है और इससे एक बहस का छिड़ने के अलावा विरोध प्रदर्शन की संभावना है।
देश की राजधानी दिल्ली में दिनों दिन पार्किंग और ट्रैफिक जाम की दिक्कतें बढ़ती जा रही है। इसके मद्देनज़र सरकार सिर्फ उन गाड़ियों को रजिस्ट्रेशन देने की योजना बना रही है जिनके ग्राहक पार्किंग की जगह का सबूत दे सकते है। हालांकि दिल्ली जैसे शहर जहां पार्किंग की जगह की समस्या बेहद गंभीर है और लोग अक्सर पार्किंग के लिए खाली पड़ी जगहों का इस्तेमाल अनऑग्रनाइज़्ड तरीके से गाड़ियां पार्क करने में करते हैं।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा है कि उनका मंत्रालय रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के साथ इस मुद्दे पर संपर्क में है। वैंकेया नायडू ने कहा कि " इस मुद्दे पर हम रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी के साथ संपर्क में है और मुद्दे पर उनके साथ बातचीत कर समस्या का समाधान निकालने की ओर बढ़ रहे हैं।"
भारतीय शहरों के प्रशासन पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह मुहैया कराने में अभी तक असफल रहे हैं। जिसके कारण सड़क पर ट्रैफिक जाम और पैदल चलने वालों के लिए समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट की एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता राय चौधरी के मुताबिक दुनिया के कई शहरों ने अपनी पार्किंग नियमों में बदलाव किए हैं। भारत के जयपुर और गंगटोक ने पार्किंग की समस्याओं से निपटने के लिए लोगों से पार्किंग की जगह के सबूत देने के निर्देश दिए हैं।
दिल्ली के लिए सरकार द्वारा एक कमेटी भी गठित की गई थी जिसमें कंजेशन टैक्स और पार्किंग नियमों के उल्लंघन पर 10 गुना ज़्यादा रकम वसूलने की बात कही गई थी।
इससे पहले दिल्ली की म्यूनसिपल कॉरपोरेशन ने योजना बनाई थी कि दिल्ली में सिर्फ वही ग्राहक कार खरीद पाएंगे जिन्हें लोकल म्यूनसिप्लिटी से पार्किंग क्लीयरेंस मिल पाएगा।
Source : News Nation Bureau