एक गाड़ी जो सवा लाख किलोमीटर चल चुकी है, लेकिन कभी भी सीएनजी डीजल या गैस भरवाने की जरूरत नहीं पड़ी. पीएचडी रिसर्चर के द्वारा बनाया गया एक ऐसा स्कूटर जो 20 पैसे प्रति किलोमीटर की माइलेज के साथ बायोगैस पर चलता है. बायोगैस प्लांट जिसमें रसोई घर के कूड़े बचे हुए फलों के छिलके से 40 दिन में तैयार हो जाती है. आईटी दिल्ली के प्रोफेसर के साथ हमने अपने सफर की शुरुआत ऐसी गाड़ी से कि जो बायोफ्यूल से चलती है. 1.14 लाख किलोमीटर चल चुकी है. प्रोफेसर साहब ने बताया कि ना सिर्फ गाड़ी, बिजली और रसोई गैस पर बनाई जा सकती है. दरअसल भारत सरकार का इनीशिएटिव है ग्रामीण भारत के लिए तकनीक विकसित करने की कोशिश है. इसमें आईआईटी दिल्ली एक महत्वपूर्ण पार्टनर है.
बायोगैस के लिए फलों के कूड़े से 40 दिन के अंदर ऐसी गैस बनाई जाती है, जिसका इस्तेमाल बिजली उत्पादन के लिए होता है. इसके साथ गाड़ी भी चलाई जा सकती है. यह गैस बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं होती इसलिए मजबूत बैलून में भरकर इसे बड़े होटलों में ट्रांसफर किया जा सकता है. जहां रसोई गैस की जरूरत ज्यादा होती है या फिर सिर्फ 30 रुपये किलो दाम पर गाड़ी चलाने के लिए गैस बन सकती है जो सीएनजी की तुलना में आधे से भी कम है.
Source : News Nation Bureau