क्या आप जानते हैं कैसे पैरा कमांडोज ने रात के अंधेरे में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर 50 आतंकियों को मौत की नींद सुला दी।इसमें जवानों की मदद किसने की ? जवान किसकी सहायता से वहां तक पहुंच पाए नहीं ना तो हम आपको बताते हैं। सूत्रों के मुताबिक जवानों की मदद किसी इंसान ने नहीं बल्कि इसरो के सैटेलाइट से मिली कोर्टोसेट इमेज ने की। अगय ये कार्टोसेट तस्वीरें जवानों के पास ना होती तो शायद ये ऑपरेशन इतना सफल भी नहीं होता। सटीक जानकारी, आतंकियों की सही संख्या और उनकी मूवमेंट, लॉन्चिंग पैड की पूरी डिटेल और हमला कर बिना किसी नुकसान के वापस लौटने का सुरक्षित रास्ता। ये सब अगर संभव हुआ तो सिर्फ और सिर्फ कार्टोसेट इमेज से। उरी हमले के बाद से ही जवाबी कार्रवाई के लिए तैयारी में जुटी भारतीय सेना के लिए कार्टेसेट इमेज एक वरदान साबित हुआ।
जानिए कैसे कार्टोसेट इमेज ने कमांडोज की मदद की
1.आर्मी ने पहली बार इसरो के सैटेलाइट से मिलने वाले इमेज का उपयोग दुश्मनों का पता लगाने के लिया किया।
2.कार्टोसेट 2C के जरिए कई दिनों से LoC के उस पार होने वाली मूवमेंट की एकदम सटीक जानकारी सेना को मिल रही थी
3.कार्टोसेट से सेना को आतंकियों और उनके लॉन्चिंग पैड की बेहद ही हाई क्वालिटी की तस्वीरें ( रेजोल्यूशन 0.65 मेगापिक्सल) मिली जिससे सेना को आतंकियों, लॉन्चिंग पैड्स और इलाके के बारे में सबकुछ पता चल गया
4.इसरो के सैटेलाइट से पीओके की जो तस्वीरें ली गई उसको कई तरीकों से पहले परखा गया और जब ये साबित हो गया की वहां भारी संख्या में आतंकी इकट्ठे हुए है तब भारतीय सेना ने ऑपरेशन को अंजाम देने का फैसला किया
5.कोर्टेसेट इमेज में जब लॉन्चिंग पैड पर आतंकियों के जुटने की तस्वीरें सेना को मिली तब सेना ने मौका और समय देखकर उनपर हमला कर दिया जिसमें 50 आतंकी मारे गए और पैरा कमांडोज की टीम ने उनके लॉन्चिंग पैड को भी बर्बाद कर दिया।
Source : News Nation Bureau