आरबीआई ने 2019-20 का सालाना रिपोर्ट या कहें बहीखाता जारी किया है. जिसमे अर्थव्यवस्था के साथ आरबीआई ने नोटों के सर्कुलेशन और नोटों की डिमांड के साथ अपनी आय भी बताई है. इस रिपोर्ट में एक बात चौंकाने वाली बात सामने आई है. कोरोना महामारी के बीच देश में डिजिटल ट्रांसेक्शन कम हुआ और कैश की डिमांड ज़्यादा रही.
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रिपोर्ट के मुतबाबिक आआरबीआई ने 2019-20 के लिये अपना सलाना रिपोर्ट जारी किया है उसके मुताबिक देश में नोटों का सर्कुलेशन 14.7 फीसदी बढ़ा है जिसे बड़ा उछाल माना जा रहा है. रिपोर्ट की मानें तो मार्च 2019 तक 21,10,892 लाख करोड़ रुपये बैंक नोट सर्कुलेशन में थे. जो मार्च 2020 तक बढ़कर 24,20,975 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. यानि करीब 15 फीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है. वहीं मार्च 2018 तक 18,03,709 लाख करोड़ रुपये की करेंसी सर्कुलेशन में थे.
करंसी डिमांड की एक वजह कोरोना महामारी भी बताई जा रही है. बढ़ती करंसी डिमांड को देखते हुए आरबीआई ने बैंकों को निर्देशित किया है कि करंसी फ्लो बनाकर रखें जिससे देश मे करंसी की कमी न रहे.
दो हजार नोटों की डिमांड हुई कम
आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2018 और मार्च 2019 के मुकाबले मार्च 2020 तक 2000 रुपये के नोट के सर्कुलेशन में भारी कमी आई है. 2019 में 32,910 लाख 2000 रुपये के नोट थे. सर्कुलेशन में जिसकी वैल्यू 6,58,199 लाख करोड़ रुपये था.
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जो 2020 में घटकर 27398 लाख नोट रह गया है. जिसकी वैल्यू 5,47,962 लाख करोड़ है. वहीं 2018 में 33,632 लाख नोट 2000 रुपये के थे. सर्कुलेशन में जिसकी वैल्यू 6,72,642 लाख करोड़ रुपये था.
वहीं मार्च 2020 तक बैंक नोटों के सर्कुलेशन में भारी उछाल आई है. 2019 में 21,10,892 लाख करोड़ रुपये का सर्कुलेशन था जो मार्च 2020 तक बढ़कर 24,20,975 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुँचा है.
कोरोना काल की वजह से अर्थव्यवस्था पर संकट बरक़रार
आरबीआई की 2019-20 की सलाना रिपोर्ट में जुलाई-सितंबर के तिमाही में भी आर्थिक गतिविधियों पर कोविड 19 का संकट दिखेगा. निवेश की गति धीमी होने के कारण से और सुधार की जरूरत है. शहरी इलाकों के खपत में कमी देखी गई है. जून तक आरबीआई के पास कुल 11.76 लाख करोड़ रुपये जमा होंगे. आरबीआई का कुल ग्रॉस आय 1.95 लाख करोड़ से घटकर 1.50 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया.
Source : News Nation Bureau