चीन के 59 एप्स पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले को व्यापारियों के संगठन कैट और घरेलू सोशल मीडिया एप शेयरचैट सहित विभिन्न क्षेत्रों से समर्थन मिला है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला उसके ‘चीन के सामान का बहिष्कार’ अभियान के लिए एक बड़ा समर्थन है.
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एक बयान में कहा, ‘‘इस अभूतपूर्व कदम से कैट के ‘चीन का बहिष्कार’अभियान को मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी. चीन का बहिष्कार आंदोलन अब वास्तव में एक राष्ट्रीय वास्तविकता है और भारत के सात करोड़ व्यापारी केंद्र सरकार के साथ एकजुटता से खड़े हैं.’’
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शेयरचैट के निदेशक (सार्वजनिक नीति) बर्जेस मालू ने भी इस कदम का स्वागत किया. उन्होंने कहा, ‘‘गोपनीयता, साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम बन चुके प्लेटफार्मों के खिलाफ सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है. हमें उम्मीद है कि सरकार भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को अपना समर्थन जारी रखेगी.’’ भारत ने सोमवार को चीन से संबंधित 59 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें बेहद लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर शामिल हैं. सरकार ने कहा कि ये एप्स देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं.
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इस मुद्दे पर एपल और गूगल ने कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि इन कंपनियों को देश में इन ऐप्स को प्रतिबंधित करने के लिए अभी सरकार के आदेश का इंतजार है. डिजिटल ऑडियो प्लेटफॉर्म खबरी ने उन भारतीय कंपनियों पर कार्रवाई करने का आह्वान भी किया है, जिनमें चीनी निवेशक हैं. इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (इस्पाई) ने भी इस कदम की सराहना की है. इनमोबाइल समूह के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी नवीन तिवारी ने कहा कि यह ‘ डिजिटल आत्मनि क्षण है जिसके लिए ज्यादातर भारतीय समर्थन देने को खड़े थे.’
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