कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन के मुद्दे को लेकर रविवार को डीएमके प्रमुख ने राज्य की सभी पार्टियों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग मे डीएमके अध्यक्ष एम.के स्टालिन भी मौजूद रहे।
इस मीटिंग के बाद डीएमके ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन में देरी को लेकर 5 अप्रैल को राज्य भर में बंद का ऐलान किया है।
डीएमके ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ पार्टी एआईडीएमके से भी समर्थन मांगा है।
डीएमके प्रमुख एम.के स्टालिन ने कहा,' हम 5 अप्रैल को राज्यव्यापी बंद का ऐलान करते हैं। हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ पार्टी एआईडीएमके भी हमारा साथ दे। आने वाले दिनों में हम पीएम और केंद्रीय मंत्रियों की यात्रा के दौरान काले झंडे भी दिखाएंगे।'
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर हम डेल्टा क्षेत्र से कावेरी के अधिकारों की फिर से प्राप्ति के लिए पैटल यात्रा भी करेंगे।
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इस दौरान सत्तारूढ़ पार्टी एआईडीएमके ने 3 अप्रैल को कावेरी मुद्दे को लेकर राज्यव्यापी भूख हड़ताल की घोषणा की है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र को दिया गया 6 हफ्तों का समय 26 मार्च को खत्म हो गया था जिसके बाद केंद्र ने और समय की मांग की थी।
केंद्र ने सफाई देते हुए कहा कि कर्नाटक में आगामी चुनाव के मद्देनजर उसे अपने फैसले को लागू करने में तीन महीने का वक्त लगेगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी जल नियंत्रण समिति का गठन छह हफ्तों के अंदर करने का फैसला 16 फरवरी को सुनाया था।
कावेरी विवाद दो राज्यों कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच चल रहा है। भारतीय संविधान के मुताबिक कावेरी एक अंतर्राज्यीय नदी है। कावेरी नदी मे कर्नाटक का 32 हजार किलोमीटर और तमिलनाडु का 44 हजार वर्ग किलोमीटर का इलाका शामिल है।
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Source : News Nation Bureau