कावेरी नदी के जल बंटवारे का असर आईपीएल के मैच पर दिखाई दे रहा है। एमए चिदंबरम स्टेडियम से करीब चार लोगों को पुलिस ने स्लिपर फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया है। तमिल समर्थक कार्यकर्ता आईपीएल का विरोध कर रहे हैं और उसके बहिष्कार करने की मांग कर रहे थे।
सीएसके और केकेआर के मैच के दौरान स्टेडियम की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार द्वारा कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड का गठन न किये जाने के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने मैच का बहिष्कार करने का आह्वान किया था।
पुलिस ने 350 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। प्रदर्शनकारी स्टेडियम में न धुस सकें इसके लिये 40,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें रैपिड ऐक्शन फोर्स और कमांडोज़ शामिल हैं।
केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने अन्ना सलाई रोड को पूरी तरह से कुछ समय के लिए अपने कब्जे में ले लिया था। ये मैच रोकने के लिये मार्त कर रहे थे। इनको नियंत्रित करने के लिये पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा था। प्रदर्शनकारियों में निर्देशक भारतीराजा और सीमन भी शामिल थे।
इस बीच आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा कि चेन्नई में हो रहे मैच की सुरक्षा के लिये केंद्रीय गृह सचिव रजीव गौबा से उन्होंने मुलाकात की थी। गौबा ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उचित व्यवस्था कराई गई है।
और पढ़ें: संसद न चलने देने पर विपक्ष के खिलाफ पीएम मोदी करेंगे उपवास
कावेरी नदी के जल बंटवारे को लेकर पिछले हफ्ते कई संगठनों ने प्रदर्शन किया था। जिसमें सत्ताधारी एआईएडीएमके और डीएमके भी शामिल थी।
टीवीके के सदस्यों ने स्टेडियम की तरफ जाने की कोशिश की लेकिन उन्हें पुलिस ने रोक लिया था। सीएसके और केकेआर के मैच से पहले टीवीके के सदस्यों ने स्टेडियम के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का कहना था, 'हमें आईपीएल नहीं चाहिये, हमें कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड चाहिये।'
टीवीके के प्रमोटर टी वेलुमुरुगन ने कहा, 'अगर मैच खेला गया तो सभी लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट कर इसे रोकने की कोशिश की जाएगी।'
दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत ने भी आईपीएल मैच चेन्नई में कराए जाने को शर्मनाक करार दिया था। उन्होंने कहा था कि जब राज्य कावेरी मसले पर जूझ रहा है तो ऐसे में मैच नहीं कराया जाना चाहिये।
और पढ़ें: लोकपाल पैनल की बैठक में हिस्सा लेने से कांग्रेस का इनकार, ये है वजह
राजनीतिक दल भी केंद्र से मांग कर रहे हैं कि इस संबंध में तत्काल कदम उठाया जाए। ताकि तमिलनाडु को आबंटित किये गए कावेरी का पानी मिल सके।
केंद्र सरकार इस मसले पर फैसल लेने में देरी कर रही है। 29 मार्च तक कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड का गठन करना था लेकिन नहीं किया गया है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार भी लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 3 मई तक का समय दिया है।
और पढ़ें: NSG सदस्यता पर रोड़ा अटकाने के बावजूद भारत-चीन वार्ता
Source : News Nation Bureau