कावेरी जल विवाद को लेकर कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड (सीएमबी) के गठन करने में असफल रही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सफाई याचिका डालकर और अधिक समय की मांग की है।
केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि क्या सीएमबी की संरचना में बदलाव किया जा सकता है।
केंद्र सरकार की तरफ से अटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आवेदन देते हुए कहा कि सीएमबी के गठन के लिए अधिक समय की जरूरत है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को ही केंद्र सरकार को 6 हफ्ते के अंदर कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड और कावेरी वाटर रेगुलेटरी कमेटी गठित करने का आदेश दिया था, समयसीमा खत्म होने के बावजूद सरकार ने अब तक इसे गठित नहीं किया है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीसामी ने भी कहा कि एआईएडीएमके कावेरी के मुद्दे को लेकर 3 अप्रैल से भूख हड़ताल कर सकती है।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को छोड़कर तमिलनाडु कैबिनेट के सभी मंत्री सीएमबी के गठन की मांग को लेकर 3 अप्रैल से भूख हड़ताल करेंगे। यह प्रदर्शन राज्य के सभी 32 जिले में आयोजित होगी।
इस बीच तमिलनाडु सरकार ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल किया है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद 6 हफ्तों के समयसीमा मे सरकार सीएमबी गठित करने में विफल रही जो कि 29 मार्च को खत्म हो गई।
तमिलनाडु सरकार के वकील उमा पाटी ने कहा, 'तमिलनाडु सरकार ने कावेरी जल मुद्दे को लेकर केंद्र के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की है।'
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के हिस्से की 177.25 हजार मिलियन क्यूबिक फीट कावेरी की पानी को कम करके कर्नाटक की हिस्सेदारी को बढ़ा दी थी।
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HIGHLIGHTS
- केंद्र ने कहा कि सीएमबी के गठन के लिए अधिक समय की जरूरत है
- एआईएडीएमके इस मुद्दे को लेकर 2 अप्रैल से भूख हड़ताल कर सकती है
- सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को ही 6 हफ्ते के अंदर सीएमबी का गठन करने को कहा था
Source : News Nation Bureau