सीबीडीटी ने गुरूवार को कहा है कि ब्लैक मनी के खिलाफ भारत ने स्विटजरलैंड के साथ एक एग्रीमेंट पर साइन किया है। इस एग्रीमेंट के बाद ऑटोमेटिक टैक्स संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकेगा।
सेंट्रल बोर्ड और डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने कहा, 'स्विटजरलैंड में संसदीय प्रक्रिया पूरी होने और म्यूचुअल एग्रीमेंट के साइन करने के साथ ही, भारत और स्विटजरलैंड सूचनाओं के ऑटोमेटिक आदान-प्रधान किया जाएगा, इसकी प्रक्रिया 1 जनवरी 2018 से शुरू होगा।'
आयकर विभाग की नीति-निर्धारक समिति ने कहा कि एग्रीमेंट सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा और भारत के लिए स्विस एंबेसेडर एंड्रियाज बोम ने साइन किया है।
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इस एग्रीमेंट के कार्यान्वयन के लिए पिछले महीने ही एग्रीमेंट साइन किया गया था। इसे ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इफॉर्मेशन यानी AEOI नाम दिया गया है। वैश्विक मानकों के आधार पर दोनों देशों के बीच 2018 में यह प्रोग्राम शुरू किया जाएगा।
जिस वक्त स्विटजरलैंड ने वैश्विक मानकों के आधार पर इस प्रोग्राम के लिए भारत का साथ देने को कहा, उसी वक्त भारत की ओर से भी यह विश्वास दिलाया गया कि वह पूरे डाटा को गुप्त रखेगा।
सरकार ने पहले कहा था कि, 'यह भारत के लिए अब संभव होगा कि सितंबर 2019 के बाद से फाइनेंशियल जानकारी उन खातों की जिनमें भारतीयों के नाम पर हैं, मिलने लगेगी।'
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बता दें कि स्विटजरलैंड के स्विस बैंक में कथित तौर पर भारतीय लोगों ने ब्लैक मनी जमा कर रखी है। स्विटजरलैंड के बारे में यह बात प्रचलित थी कि वह बैंकिंग खातों की जानकारी पूरी तरह से गुप्त रखता है।
वैश्विक दवाब के कारण यह संभव हो पाया है कि स्विटजरलैंड को अपनी बैंकिंग नीतियों में तब्दीलियां करनी पड़ी हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि अभी भी कई एप्लीकेशन जिनमें भारतीयों के एकाउंट के बारे में डिटेल मांगी गई है पेंडिंग हैं।
Source : News Nation Bureau