सोशल मीडिया की ताक़त कितनी बड़ी है और कहां तक इसकी पहुंच है सीबीआई इसको बारीकी से पहचानती है और सीबीआई अब ट्वीटर और इंस्टाग्राम को अपने वर्क कल्चर में जोड़ने जा रही है. जी हां, सेंट्रल ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन यानी सीबीआई अब सोशल मीडिया के सबसे ज्यादा पॉपुलर प्लेटफॉर्म ट्वीटर और इंस्टाग्राम पर अपनी एक्टिविटी के तौर पर दिखेगी. अब तक सोशल मीडिया से दूर रहने वाली सीबीआई ने आगामी इंटरपोल ( International Criminal Police Organization ) महासभा से पहले ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है.
इंटरपोल की मेजबानी से पहले एक्टिव हुई सीबीआई
गौरतलब है कि इस बार भारत 18 अक्टूबर से शुरू होने जा रही तीन दिवसीय इंटरपोल महासभा की मेजबानी करेगा. इंटरपोल की इस महासभा में 195 देशों के हिस्सा लेने की उम्मीद है जाहिर है ट्वीटर के जरिये सूचनाओं इंन्फॉर्मेशन मिलने में काफी मदद मिलती है. दरअसल ईडी (Enforcement Directorate) और एनआइए ( National investigation agency ) आपको बता दें कि इंटरपोल की महासभा में इस बार का बड़ा डिस्कशन सायबर क्राइम, फाइनेंशियल क्राइम और इंटरनेट पर चाइल्ड शोषण सामग्री पर केंद्रित है.
25 साल बाद भारत करेगा मेजबानी
आपको बता दें कि इस बार भारत 25 साल बाद इंटरपोल की महासभा की मेजबानी करने जा रहा है, जाहिर है ऐसे में सिक्योरिटी और सोशल मीडिया से संबंधित सभी इंफॉरेमेशन आदि को लेकर एजेंसी बहुत सतर्क है, खासकर सोशल मीडिया के जरिये हर तरह की क्राइम एक्टिविटी पर भी एजेंसी की पूरी नज़र रहेगी. 25 साल बाद इंटरपोल महासभा की मेजबानी के मौके पर एजेंसी हर मोर्चे पर एक्टिव रहेगी. आपको बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने महासभा की मेजबानी के संबंध में इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक को पहले ही प्रस्ताव दिया था. स्टॉक ने अपनी भारत विजिट के दौरान गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. गौरतलब है कि इससे पहले 1997 में भारत ने महासभा की मेजबानी की थी.
क्या काम करता है इंटरपोल
दरअसल इंटरपोल का मतलब होता है इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन. ये एक ऐसी संस्था है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों की पुलिस के बीच समन्वय का कार्य करती है . इस संस्था में इंटरपोल से सदस्य देशों की पुलिस शामिल होती है और यह संस्था वर्ष 1923 से कार्य कर रही है . इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के लियोन शहर में स्थित है . इंटरपोल का मुख्य उद्देश्य दुनिया को रहने के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाना है. यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैले आतंकवाद से लड़ने तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले साइबर अपराधों को रोकने और संगठित अपराधियों के विरुद्ध सभी देशों की पुलिस को मिलाकर सशक्त बनाने के लिए कार्य करना है .
सबसे बड़ी महासभा में 195 देश शामिल
आपको बता दें कि ये महासभा, इंटरपोल (इंटरनेशनल पुलिस) का सर्वोच्च शासी निकाय है और इसमें 195 सदस्यों देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. इंटरपोल महासभा के ये प्रतिनिधि हर साल मिलते हैं. ये प्रतिनिधि आमतौर पर मंत्री, पुलिस प्रमुख, केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं. गौरतलब है कि भारत इस अंतर्राष्ट्रीय संस्था अर्थात इंटरपोल का सदस्य वर्ष 1949 में बना था . हालाँकि नार्थ कोरिया जैसे कई देश ऐसे है, जिन्होनें इंटरपोल के सदस्य नहीं है .
HIGHLIGHTS
- ट्वीटर और इंस्टाग्राम को अपने वर्क कल्चर में जोड़ने जा रही
- इंटरपोल महासभा से पहले सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई
- 18 अक्टूबर से शुरू होने जा रही तीन दिवसीय इंटरपोल महासभा