केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नारद स्टिंग फुटेज मामले में गुरुवार को आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा को हिरासत में ले लिया. इस सनसनीखेज स्टिंग मामले में सीबीआई द्वारा की गई यह पहली गिरफ्तारी है. नारद न्यूज पोर्टल क्लिप में आईपीएस अधिकारी मिर्जा को कथित तौर पर पांच लाख रुपये रिश्वत लेते देखा गया था. इस घोटाले के सिलसिले में मिर्जा इससे पहले भी कई बार सीबीआई के सामने पेश हो चुके थे. गिरफ्तारी के बाद मिर्जा को बैंकशाल कोर्ट में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया.
यह भी पढ़ेंःतैराकी: एशियन आयु समूह चैम्पियनशिप में भारत को मिला 9वां स्वर्ण पदक
सीबीआई के वकीलों ने मिर्जा की हिरासत के लिए पांच दिनों की मांग की. स्टिंग ऑपरेशन टेप 2016 में सामने आया था. उस समय मिर्जा बर्दवान जिले के पुलिस अधीक्षक थे. नारद न्यूज के संपादक मैथ्यू सैमुअल द्वारा यह स्टिंग ऑपरेशन किया गया था, जो इसके लिए एक व्यापारी के रूप में सामने आए थे. इस स्टिंग में आईपीएस अधिकारी के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं को कथित तौर पर फायदा पहुंचाने के बदले में नकद रुपये लेते हुए देखा गया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस स्टिंग फुटेज मामले में प्रारंभिक जांच करने के आदेश दिए थे. इसके एक महीने बाद 17 अप्रैल 2017 को सीबीआई ने मिर्जा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई राज्य मंत्रियों व सांसदों सहित 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
यह भी पढ़ेंःन्यूयॉर्क में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से मिले पीएम नरेंद्र मोदी, कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा
25 अप्रैल और 27 अप्रैल 2014 को बनाई गई नारदा वीडियो फुटेज का जिक्र करते हुए सीबीआई प्राथमिकी में मिर्जा के बारे में कहा गया, "उन्हें स्टिंग ऑपरेटर से लगभग पांच लाख रुपये की राशि लेते हुए देखा गया है."