सीबीआई ने वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक मामला दर्ज किया है. इस बात की अधिकारियों ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धूत पर मोजम्बिक में अपनी तेल एवं गैस परिसंपत्तियों को वित्त प्रदान करने में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) नीत बैंकों के एक समूह के अज्ञात अधिकारियों की मिलीभगत के साथ भ्रष्टाचार करने के आरोप हैं.
मोजांबिक स्थित परिसंपत्ति को बाद में ओएनजीसी विदेश लिमिटेड और ऑयल इंडिया लिमिटेड ने जनवरी 2014 में खरीद लिया था. अप्रैल 2012 में एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के एक समूह ने मोजांबिक, ब्राजील और इंडोनेशिया में अपने तेल और गैस परिसंपत्तियों के विकास के लिए ‘स्टैंडबाय लेटर ऑफ क्रेडिट’ (एसबीएलसी) सुविधा दी. साथ ही, इस संबंध में वित्त आवंटन की अन्य जरूरतें भी पूरी की थीं.
यह भी पढ़ें- वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने अपने घर में की खुदकुशी, जानें पूरा मामला
बैंकों के इस समूह में आईसीआईसीआई बैंक और आईडीबीआई बैंक भी शामिल थे. हालांकि, इस ऋण के एक हिस्से को ‘री-फायनेंस’ किया गया, जिसमें स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (एससीबी), लंदन का 40 करोड़ डॉलर का बकाया भी शामिल है. लगभग 10 महीने बाद वीआईएल ने समूह से कहा कि ऋण बढ़ गया है. उसने इसका भुगतान करने का अनुरोध किया और तेल व गैस परिसंपत्ति का प्रभार संभाल लिया. समूह ने बढ़ी हुई रकम को बगैर जांच के कथित तौर पर मंजूरी प्रदान कर दी.
एजेंसी ने आरोप लगाया, 'तथ्यों और प्रथम दृष्टया परिस्थितियों से यह प्रदर्शित होता है कि एसबीआई के नेतृत्व में ऋण दाता बैंकों के अज्ञात अधिकारियों ने धूत के साथ साजिश रच कर वीएचएचएल को एससीबी से सुविधा का लाभ उठाना जारी रखने दिया. इस तरह वीडियोकॉन को गलत तरीके से फायदा हुआ और भारतीय सार्वजनिक उपक्रम बैंकों को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया गया.'
Source : News Nation Bureau