गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी पी पी पांडेय को सीबीआई की विशेष अदालत से बुधवार को बड़ी राहत मिली है। सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें इशरत जहां एनकाउंटर मामले में आरोपों से बरी कर दिया है। पांडेय हाल ही में बेल पर थे।
खबरे के मुताबिक, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पी पी पांडेय को सीबीआई ने 2013 में इशरत जहां एनकाउंटर मामले में गिरफ्तार किया था। विशेष सीबीआई जज जे के पांड्या ने पीपी पांडेय को राहत देने के आदेश दिए।
इशरत जहां एनकाउंटर केस में यह पहली घटना है जिसमें आरोपी को बरी कर दिया है।
1980 बैच के आईपीएस पांडेय को सीबीआई ने जुलाई 2013 में गिरफ्तार किया था और उन्होंने करीब 19 महीने जेल में बिताये थे। फरवरी 2015 में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था जिसके बाद उन्हें राज्य पुलिस में बहाल किया गया था। वह पिछली साल रिटायर हो गए थे।
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सीबीआई ने पांडेय के साथ रिटायर आईपीएस डीजी वंजारा, आईपीएस अधिकारी जीएल सिंघल, रिटायर डीएसपी एन के आमीन, रिटायर उप पुलिस अधीक्षक तरुण बारोट और दो पुलिसकर्मी पर चार्जशीट दाखिल की थी।
सीबीआई ने इन सभी पर मुंबई की 19 साल की लड़की इशरत जहां और उसके दोस्त जावेद शेख उर्फ प्रनेश पिल्लई और दो पाकिस्तानी नागरिकों की कथिततौर पर अपहरण, साजिश और हत्या का आरोप लगाया था।
आपको बता दें कि 19 वर्षीय इशरत जहां और तीन लोग 2004 में फर्जी एनकाउंटर में मार दिये गये थे। गुजरात पुलिस ने उस वक्त कहा था कि मारे गये लोग लश्कर के आतंकी थे और वे लोग तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करना चाहते थे।
पीपी पांडे अभी जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने बरी की याचिका दाखिल की थी। पुलिस के अधिकारियों के अलावा, चार आईबी अधिकारी के पूर्व विशेष निदेशक राजिंदर कुमार समेत चार आरोपियों पर आरोपपत्र दाखिल किया गया था।
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Source : News Nation Bureau