राउज एवेन्यू कोर्ट में पी चिदंबरम की पेशी के दौरान सीबीआई की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने 5 दिन की रिमांड मांगी. इसके बाद पी चिदंबरम की ओर से दलीलें पेश करते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, FIPB अप्रूवल में सरकार के 6 सेक्रेटरी की भी मंज़ूरी मिली थी पर मंज़ूरी देने वाले सेक्रेटरी की गिरफ्तारी नहीं हुई. सिब्बल ने कहा, यह दस्तावेजों का मामला है. सचिवों की सिफारिश पर यह मंजूरी दी गई थी.
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कपिल सिब्बल ने कहा कि गिरफ्तार करने के बाद पी चिदंबरम से केवल एक बार पूछताछ की गई. पूछताछ ज़रूरी थी तो दोबारा बुलाना चाहिए था. कल रात में सीबीआई रात 12 बजे तक पूछताछ शुरू नहीं कर पाई. रात में केवल 12 सवाल पूछे गए. उन्होंने यह भी कहा कि CBI को पता नहीं आगे क्या पूछना है. जो सवाल पूछे गए, उनसे चिदंबरम का वास्ता नहीं है. CBI जानबूझकर टाइम बर्बाद कर रही है.
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कपिल सिब्बल ने यह भी कहा, पी चिदंबरम को मामले में पहले ज़मानत मिल चुकी है. CA भास्करन को भी ज़मानत मिल चुकी है. CBI ने पहले किसी की ज़मानत को चैलेंज नहीं किया. अब जांच लगभग पूरी हो चुकी है तो सीबीआई पी चिदंबरम को गिरफ्तार करके लाई है.
कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने कहा कि ये तो पूरी तरह से दस्तावेजों का मामला है. सेक्टररीज ने चिंदबरम को सिफारिश किया, जिसे उन्होंने मंजूरी दे दी. सीबीआई ने महज एक बार पूछताछ की आपको जरूरत थी तो दोबारा बुला लेते. सीबीआई जो कह रही है, एकमात्र वही परमसत्य नहीं है. सीबीआई और ईडी ने जब भी चिदंबम को बुलाया वो हाजिर हुए हैं. कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि पिछली रात सीबीआई ने कहा कि वो पूछताछ करना चाहती है पर रात 12 बजे तक उन्होंने पूछताछ नहीं शुरू की. रात में केवल 12 सवाल पूछे गए. अभी भी उन्हें ये पता नहीं कि आगे क्या पूछना है.
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कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि जो सवाल पूछे भी गए, उनसे चिंदबरम का कोई वास्ता ही नहीं है. सीबीआई जानबूझकर टाइम बर्बाद कर रही है. जितने सवाल पूछ गए, सबका जवाब चिदबंरम ने दिया. पी चिदंबरम ने 12 के 12 सवालों का जवाब दिया. सीबीआई की दलील है कि पी चिदंबरम सवालों से बच रहे हैं वो बिल्कुल बेमानी है. 2017 में FIR दर्ज हुई. 2018 में आखिरी बार पूछताछ हुई. जब चाहे सीबीआई पूछताछ कर सकती है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि जब सीबीआई की टीम गिरफ्तार करने के लिए पहुंची तो चिंदबरम ने उनसे आग्रह किया कि वो पिछली रात सोए नहीं हैं. सीबीआई चाहे तो उन्हें कल गिरफ्तार कर सकती है पर सीबीआई ने इंकार कर दिया. इस मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. अगर सीबीआई को कुछ दस्तावेज चाहिए थे तो वह चिंदबरम को लेटर लिखा होता ऐसा तो सीबीआई ने नहीं किया.
कपिल सिब्बल ने कहा कि सही कहे तो इस केस का सबूतों से कोई वास्ता नहीं है, वजह कुछ और है. कस्टडी अपवाद है, नियम नहीं. कस्टडी हासिल करने के लिए प्रॉसिक्यूशन एजेंसी के पास पुख्ता सबूत और केस होना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा, जिस तरीके से सीबीआई केस को रख रही है, मेरा एतराज है. केस डायरी कोई अपने आप में सबूत नहीं है. केस डायरी सिर्फ जांच में सहयोग के लिए होती है. कपिल सिब्बल की जिरह पूरी हो गई है.