सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपना पदभार संभालते हुए सबसे पहले अंतरिम सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव द्वारा अधिकारियों को तबादला वाला आदेश वापस ले लिया. यानि कि अंतरिम सीबीआई निदेशक ने जिन अधिकारियों का तबादला कर दिया थ वो सभी अपने पुराने क्षेत्र वापस आ जाएंगे. हालांकि सेक्शन 4 और पांच वाला तबादला का आदेश वापस नहीं लिया गया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आलोक वर्मा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक के रूप में सीमित अधिकार के साथ बहाल किए जाने के एक दिन बाद बुधवार को उन्होंने फिर से पदभार संभाला.
आलोक कुमार ने विभिन्न हाई प्रोफाइल मामलों की प्रगति की समीक्षा की. 23-24 अक्टूबर की रात को जबरन छुट्टी पर भेजे गए वर्मा लगभग ढाई महीने बाद काम पर लौटे हैं.
सीबीआई मुख्यालय पर आलोक वर्मा का स्वागत एम नागेश्वर राव ने किया. नागेश्वर राव को आलोक वर्मा की जगह पर उनका कामकाज देखने के लिए नियुक्त किया गया था. आलोक वर्मा सीबीआई मुख्यालय में 10वीं मंजिल पर अपने केबिन में गए. वर्मा का केबिन उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के बाद से बंद था.
नागेश्वर राव द्वारा स्थानांतरित किए गए दो सीबीआई अधिकारी भी आलोक वर्मा से मिलने एजेंसी के मुख्यालय पहुंचे. सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, पुलिस उप अधीक्षक (डीएसपी) एके बस्सी व अश्वनी कुमार ने आलोक वर्मा से मुलाकात की.
सूत्र ने कहा कि आलोक वर्मा ने दूसरे अन्य अधिकारियों से भी मुलाकात की और विभिन्न हाई प्रोफाइल मामलों की प्रगति की समीक्षा की. आलोक वर्मा अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम व केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के 1979 बैच के आईपीएस हैं.
आलोक वर्मा एक फरवरी 2017 को सीबीआई निदेशक के तौर पर अपनी नियुक्ति से पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त थे. आलोक वर्मा का कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म होगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) व केंद्र के उन्हें कामकाज के अधिकार के वंचित करने के फैसले को दरकिनार कर मंगलवार को आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के रूप में फिर से बहाल कर दिया.
Source : News Nation Bureau