केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन और सन टीवी नेटवर्क के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक उनके बड़े भाई कलानिधि मारन के खिलाफ अवैध रूप से टेलीफोन लगवाने के मामले में आरोपपत्र दायर किया।
सीबीआई ने सन टीवी के अधिकारियों, बीएसएनएल के दो सेवानिवृत्त मुख्य महाप्रबंधकों (सीजीएम) और दयानिधि मारन के अतिरिक्त निजी सचिव के खिलाफ भी आरोप दाखिल किया।
सीबीआई के एक बयान के अनुसार, दयानिधि मारन, सेवानिवृत्त सीजीएम एम.पी. वेलुसामी और के.बी. ब्रह्मादतन व दूसरे लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
इन पर दयानिधि मारन के निवास पर अवैध रूप से सेवा श्रेणी के तहत हाई-इंड दूर संचार सुविधाओं वाला एक नंबर लगाने का आरोप है और अवधि 2004-07 के दौरान बिल नहीं उठाने का आरोप है। इससे सरकार को बड़ा नुकसान हुआ है।
यह आरोप लगाया गया कि केंद्रीय मंत्री के गोपालपुरम आवास पर जून 2004 से दिसंबर 2006 तक 364 टेलीफोन नंबर/लाइन लगाई गई।
इसी तरह दिसंबर 2006 से सितंबर 2007 तक 353 टेलीफोन लाइनें इनके चेन्नई के फर्स्ट एवेन्यू बोट क्लब रोड पर लगाई गईं।
सीबीआई के अनुसार, दयानिधि के मौखिक आदेश पर दस पोस्ट पेड मोबाइल कनेक्शन एक निजी चैनल को दिए गए। यह कनेक्शन 'सेवा श्रेणी' के तहत दिए और कोई बिल नहीं उठाया गया।
सीबीआई ने कहा, "इन टेलीफोन कनेक्शनों के जरिए बड़े स्तर पर डाटा हस्तांतरण, इसमें वॉयस, वीडियो और ऑडियो भेजे गए। इन सभी सुविधाओं का इस्तेमाल दयानिधि मारन के भाई के स्वामित्व वाले चैनल नेटवर्क पर अवैध रूप से करने का आरोप है।"
सीबीआई ने कहा कि इन टेलीफोन कनेक्शनों को लगाने के लिए कोई शुल्क नहीं दिया, साथ ही इनका किराया भी नहीं दिया गया। यह सभी हाई-इंड सुविधाओं वाले कनेक्शन थे। इससे बीएसएनल को 1,20,87,769 रुपये हानि होने का आरोप है। इसमें सभी कॉल का चार्ज शामिल नहीं है।
सीबीआई के मुताबिक, दयानिधि मारन पर कुल मिलाकर 764 टेलीफोन नंबर अवैध तरीके से देने का आरोप है।
Source : IANS