केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को विशेष सीबीआई अदालत (CBI Special Court) के समक्ष 45 व्यक्तियों, बैंक अधिकारियों (Bank Officers) और कंपनियों के खिलाफ तीन अलग-अलग मामलों में 150 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी से संबंधित आरोपपत्र दाखिल किया है. आरोपियों में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) के वरिष्ठ अधिकारी, निजी कंपनियां, उनके शीर्ष निदेशक, वित्तीय सलाहकार और अन्य शामिल हैं. यूबीआई से शिकायत मिलने के बाद, सीबीआई ने जून 2019 में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए और मार्च 2020 में बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से व्यक्तियों और कंपनियों को शामिल किया गया जिन्होंने कथित रूप से भारी धोखाधड़ी का आरोप लगाया था.
पहली शिकायत के बाद 57 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के 13 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था. दूसरी शिकायत में 16 अभियुक्तों के खिलाफ धोखाधड़ी की राशि लगभग 50 करोड़ रुपये थी और तीसरा मामला 16 और अभियुक्तों के खिलाफ करीब 50 करोड़ रुपये की कमाई का था. सीबीआई जांच में पता चला है कि उधारकर्ता कंपनियों ने कथित तौर पर फर्जी आपूर्तिकर्ताओं के साथ झूठे और फर्जी टैक्स चालान, एक्सचेंज बिल, जाली लॉरी रसीदें आदि जमा करने के लिए कई बैंकों से छूट ली हुई थी.
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यह आरोप लगाया गया, टॉपवर्थ ग्रुप ऑफ कंपनीज के अध्यक्ष अभय लोढ़ा, जो अभियुक्तों में से हैं, उन्होंने एक अहम भूमिका निभाई और अपने एक कर्मचारी के साथ फर्जी वित्तीय डेटा जमा करके सभी तीनों आरोपी उधारकर्ताओं के लिए यूबीआई से क्रेडिट सुविधा प्राप्त करने की व्यवस्था की. लोढ़ा ने कथित रूप से अपने कर्मचारियों को विभिन्न नामी आपूर्तिकर्ता कंपनियों में निदेशक बनाया और उनके माध्यम से ऋण ले लिया.
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आरोपियों में अशोक धाबाई, पूर्व डीजीएम और यूबीआई क्षेत्रीय प्रमुख, संजय शर्मा और पूर्व जीएम और जोनल प्रमुख और एक वित्तीय सलाहकार बजरंग कांकाणी शामिल हैं. मुख्य आरोपी नरेंद्र फटकरे, कुंदन सेतिया, अभय लोढ़ा, अशोक मेहता, विनोद जटिया, रूपेश गुप्ता, कुणाल गुप्ता, विश्वनाथ अग्रवाल, अलकेश पारेख, मोहम्मद कुतबुद्दीन खान, गजेंद्र संदीम, नीलेश पारेख, वली मोहम्मद चौधरी महावीर जायसवाल, इमरान खान, राजकुमार गोयल, दिलीप भीमराज शाह, मोहम्मद इकबाल खान, सिद्धार्थ मदनलाल बागरेचा और विजय बाबूलाल जैन हैं.
HIGHLIGHTS
- यूबीआई में 150 करोड़ की धोखाधड़ी
- सीबीआई ने दाखिल की तीन चार्जशीट
- UBI से मिली थी CBI को शिकायत