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सीबीआई (CBI) ने मोदी सरकार (Modi Sarkar) के सामने फिर खड़ी की मुसीबत

एक बार फिर सीबीआई के शीर्ष अधिकारियों में ठन गई है. इस बार मसला झारखंड में हुई 'फर्जी मुठभेड़' (Fake Encounter) का.

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Nihar Saxena
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सीबीआई (CBI) ने मोदी सरकार (Modi Sarkar) के सामने फिर खड़ी की मुसीबत

सांकेतिक चित्र

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बीते साल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (central bureau of investigation CBI) के दो शीर्ष अधिकारियों की 'लड़ाई' को शायद ही अभी कोई भूला होगा. सीबीई डायरेक्टर आलोक कुमार (Alok Kumar) और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) के बीच शुरू हुई 'पत्रबाजी' अंततः सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की चौखट तक जा पहुंची थी. ठीक उसी अंदाज में एक बार फिर सीबीआई के शीर्ष अधिकारियों में ठन गई है. इस बार मसला है 'फर्जी मुठभेड़' (Fake Encounter) का, जिसको लेकर एक बार फिर से 'पत्रबाजी' (Letter) शुरू हो गई है और सीबीआई के शीर्ष अधिकारी फिर से ऐसी किसी 'भिड़ंत' से इंकार कर रहे हैं. यह तब है जब झारखंड में 14 मासूमों को फर्जी मुठभेड़ में मारने वाले संयुक्त निदेशक के खिलाफ डिप्टी एसपी स्तर के एक अधिकारी ने 25 सितंबर के खिलाफ लिखित शिकायत की है.

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आरोपी को सीबीआई से हटाने की मांग
सीबीआई निदेशक, मुख्य सतर्कता आयुक्त समेत प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई इस शिकायत में सीबीआई के डिप्टी एसपी (CBI Dy SP)एनपी मिश्रा ने आरोप लगाया है कि संस्था के संयुक्त निदेशक एके भटनागर (AK Bhatnagar) एक फर्जी मुठभेड़ में शामिल रहे हैं. अतः संस्था की निष्पक्षता (Impartiality) बनाए रखने के लिए उन्हें पद से तुरंत हटाना उपयुक्त रहेगा. गौर करने वाली बात यह है कि एनपी मिश्रा (NP Mishra) ने पहली बार किसी अधिकारी के खिलाफ शिकायत नहीं की है. पिछले साल भी वह सीबीआई के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगा चुके हैं.

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संस्था की साख हो रही प्रभावित
सीबीआई निदेशक को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा गया है, 'सीबीआई में संयुक्त निदेशक (प्रशासन) एके भटनागर (AK Bhatnagar) झारखंड में 14 मासूमों को मारने वाली फर्जी मुठभेड़ में शामिल रहे हैं. यह भी पता चला है कि इस मामला की सीबीआई की एससी-1 शाखा में जांच भी चल रही है. ऐसे में बेहद जरूरी हो जाता है कि संस्था की निष्पक्षता बरकरार रखने के लिए आरोपी की सेवाएं तुरंत समाप्त (Termination) कर दी जाएं. अन्यथा इसका असर सीबीआई की कार्यप्रणाली पर हरसंभव तरीके से पड़ेगा.' शिकायत में इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि इसका असर भटनागर द्वारा की जा रही जांचों पर भी पड़ना तय है.

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पहले भी सीबीआई के अधिकारियों को लपेटा
इस शिकायती पत्र में कहा गया है कि फर्जी मुठभेड़ में मारे गए मासूमों के परिजन (Family Members) इस मामले में पहले ही शिकायत दर्ज करा चुके हैं. यही नहीं, एके भटनागर पर भ्रष्टाचार (Corruption) के कई मामलों से भी जुड़े होने की बात कही गई है. बताते हैं कि बीते साल भी एनपी मिश्रा ने छत्तीसगढ़ के पत्रकार उमेश राजपूत की हत्या से जुड़े साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ के लिए जांच से जुड़े सीबीआई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं. हालांकि सीबीआई ने अपने ही अधिकारी की ओर से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. इसके बाद मिश्रा का तबादला कर दिया गया, जिसे उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में चुनौती दी. इस मामले में अगली सुनवाई अब 1 अक्टूबर को होनी है.

HIGHLIGHTS

  • सीबीआई के डिप्टी एसपी ने संयुक्त निदेशक पर फर्जी मुठभेड़ का लगाया आरोप.
  • झारखंड में 14 मासूमों को फेक इनकाउंटर में मारने का आरोप.
  • इसके पहले भी सीबीआई की वरिष्ठ अधिकारियों पर लगा चुके हैं आरोप.
cbi Modi Sarkar Cat Fight Fake Encounter
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