PNB फर्ज़ीवाड़ा मामले में CBI ने RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर से की पूछताछ

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने राशिद ख़ान से उनके कार्यकाल के दौरान ऑडिट नहीं कराए जाने को लेकर सवाल पूछा है।

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Deepak Kumar
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PNB फर्ज़ीवाड़ा मामले में CBI ने RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर से की पूछताछ

सीबीआई (फाइल फोटो)

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सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने 13500 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले मामले में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर हारुण राशिद खान से शुक्रवार को पूछताछ की है। ख़ान 2011-2016 के बीच आरबीआई के डेप्युटी गवर्नर थे।

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने राशिद ख़ान से उनके कार्यकाल के दौरान ऑडिट नहीं कराए जाने को लेकर सवाल पूछा है। इससे पहले जांच एजेंसी ने गुरुवार को भी मुंबई ऑफिस में रिजर्व बैंक के चार वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की थी।

बता दें कि अरबपति ज्वेलर्स नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने पीएनबी के मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर 13 हजार करोड़ से अधिक के बैंक फ्रॉड को अंजाम दिया था।

गुरुवार को जिन अधिकारियों से पूछताछ हुई उनमें आरबीआई के तीन मुख्य महाप्रबंधक और एक महाप्रबंधक शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि आरबीआई अधिकारियों से हीरा कारोबारी चोकसी समूह की कंपनियों को 80:20 स्वर्ण आयात योजना को लेकर कथित लाभ पहुंचाने के बारे में भी पूछताछ की गई।

सीवीसी ने भी आरबीआई को ठहराया था ज़िम्मेदार

केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने पीएनबी फर्ज़ीवाड़ा मामले को लेकर आरबीआई को ज़िम्मेदार ठहराया था।

इस बारे में सीवीसी प्रमुख केवी चौधरी ने जानकारी देते हुए कहा, 'ऐसा लगता है कि जिस दौरान पीएनबी फर्ज़ीवाड़ा हुआ था उस वक़्त सेंट्रल बैंक (आरबीआई) ने कोई ऑडिट नहीं कराई थी।'

सीवीसी प्रमुख ने मजबूत ऑडिटिंग सिस्टम पर ज़ोर देते हुए कहा, 'आरबीआई ने अपना काम (ऑडिट) ठीक से नहीं किया।'

आगे उन्होंने कहा, 'आरबीआई के पास सभी बैंको के नियमन की ज़िम्मेदारी होती है लेकिन अगर उनकी ईमानदारी में कहीं कमी आती है तो उसकी जांच सीवीसी द्वारा की जाती है।'

चौधरी ने कहा, 'आरबीआई के मुताबिक़ उन्होंने तब तक समय-समय पर ऑडिट करने के बजाए 'रिस्क आधारित' ऑडिट करने लगे थे यानि की वित्तीय जोखिम की स्थिति में ही ऑडिट कराई जाती थी।'

उन्होंने आगे कहा, 'ज़ोखिम निर्धारित करने के लिए आरबीआई के पास कुछ पैरामीटर होने चाहिए थे और उस आधार पर ऑडिट कराई जानी चाहिए। लेकिन जिस वक़्त पीएनबी में फर्ज़ीवाड़ा की घटना हुई थी उस वक़्त आरबीआई ने कोई ऑडिट नहीं कराई।'

क्या है मामला
नीरव मोदी अपनी समूह की कंपनियों डायमंड आर यूएस, स्टेलर डायमंड व सोलर एक्सपोर्ट्स के साथ 2013 से नियमित रूप से प्रसिद्ध व अमीर भारतीयों की सूची में शामिल रहे हैं। नीरव मोदी, उनके रिश्तेदार व व्यापारिक साझेदार मेहुल चोकसी व अन्य 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी हैं, जिसकी पीएनबी ने फरवरी में पुष्टि की।

सीबीआई के समक्ष घोटाले की रिपोर्ट आने के कुछ हफ्ते पहले, नीरव मोदी ने इस साल जनवरी के पहले हफ्ते में अपने परिवार के साथ देश छोड़ दिया।

नीरव मोदी की पत्नी अमि ने 6 जनवरी को व उनके रिश्तेदार चोकसी ने 4 जनवरी को भारत छोड़ा।

सीबीआई ने नीरव मोदी के खिलाफ डिफ्यूजन नोटिस जारी करने के लिए फरवरी में इंटरपोल से संपर्क किया।

सीबीआई को दी गई अपनी विभिन्न शिकायतों में पीएनबी ने कहा है कि उसके अधिकारियों ने नीरव मोदी व दूसरे आरोपियों के लिए कई लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) धोखे से जारी किए थे, जिससे बैंक को भारी नुकसान हुआ।

और पढ़ें- पीएनबी धोखाधड़ी मामले में 4 आरबीआई अधिकारियों से पूछताछ

Source : News Nation Bureau

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