केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने साल 2009 में 75 बुनियादी ट्रेनर विमानों की खरीद में अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर वायुसेना, रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों, राबर्ड वाड्रा के करीबी और हथियार डीलर संजय भंडारी (Sanjay Bhandari) और स्विट्जरलैंड की विमान बनाने वाली कंपनी पिलैटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. सीबीआई ने इसकी जानकारी शनिवार को दी है.
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सीबीआई का आरोप है कि इस सौदे में कथित रूप से 339 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी. इसी क्रम में सीबीआई ने शुक्रवार को भगोड़े हथियार कारोबारी संजय भंडारी और अन्य कारोबारियों के दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापा मारा था. इस दौरान सीबीआई के अफसरों ने उनके ठिकानों से कुछ अहम दस्तावेज जब्त किए. हालांकि, सीबीआई की रेड जारी है. सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में हथियार डीलर संजय भंडारी की कंपनी का भी जिक्र किया गया है, जिसका ऑफिस दिल्ली के पंचशील पार्क में है.
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बता दें कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के जीजा रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) और बिचौलिए व हथियार विक्रेता संजय भंडारी के सांठगांठ का आरोप लगा है. बीजेपी का कहना है कि दोनों की सांठगांठ की वजह से 2012 में राफेल सौदा रद्द हुआ था. राबर्ड वाड्रा से निकट संबंध रखने वाले भंडारी ने 2008 में ऑफसेट इंडिया सोल्यूशन(ओआईएस) कंपनी बनाई और उसने राफॉट के साथ संयुक्त उपक्रम गठित किया था. उसने पीछे के दरवाजे से राफेल विमान के ऑफसेट क्लॉज में प्रवेश करने का प्रयास किया था.
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ट्रेनर एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल एयर फोर्स ज्वाइन करने वाले कैडेट्स को उड़ान भरना सिखाने के लिए किया जाता है. भारतीय वायुसेना ने स्वदेशी एचटीपी-32 (HTP-32) में लगातार खामियां आने के बाद उसके ऑपरेशन बंद करने के बाद पिलैटस विमान खरीदने का फैसला किया था. मनमोहन सिंह सरकार ने 75 पिलैटस विमान खरीदने के लिए 2,896 करोड रुपये की डील की थी.