अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की जांच के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) की पांच सदस्यीय टीम प्रयागराज पहुंच गई है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार देर रात महंत की मौत की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी।
महंत नरेंद्र गिरि ने कथित तौर पर प्रयागराज के बाघंबरी मठ में आत्महत्या करके अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली और अपने पीछे एक 7-पृष्ठ का सुसाइड नोट छोड़ दिया, जो एक तरह की वसीयत भी है।
राज्य सरकार ने उन परिस्थितियों की जांच के लिए मंगलवार को 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया था, जिसके कारण संत की मौत हुई थी।
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक, नरेंद्र गिरि के फोन की कॉल डिटेल की जांच में अब पता चला है कि महंत नरेंद्र गिरि ने हरिद्वार के कुछ प्रॉपर्टी डीलरों को कई कॉल किए और प्राप्त किए। कथित तौर पर बाघंबरी मठ की हरिद्वार में काफी संपत्ति है।
सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने प्रॉपर्टी डीलरों समेत 18 लोगों को पूछताछ के लिए तलब किया है।
इस बीच, महंत की मौत के तुरंत बाद ली गई एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। वीडियो क्लिप उनके निधन की परिस्थितियों को और उलझा देती है।
वीडियो में, महंत द्वारा कथित तौर पर अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पीली नायलॉन की रस्सी को तीन भागों में कटा हुआ देखा जा सकता है।
रस्सी का एक भाग महंत के पास पड़ा पाया गया, दूसरा भाग पंखे पर लटका हुआ तथा तीसरा भाग मेज पर पड़ा हुआ देखा गया।
दिलचस्प बात यह है कि जब पुलिस अधिकारी कमरे में प्रवेश करते हैं तो पंखा पूरी गति से चलता हुआ दिखाई देता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को आश्रम के लोगों से पूछते हुए सुना जा सकता है कि किसने पंखा चालू किया - वही पंखा जिस पर महंत ने कथित तौर पर फांसी लगाई थी।
रस्सी काटकर महंत के शव को नीचे लाने वाले सर्वेश ने कहा, पता नहीं, पंखा किसने चला दिया। शायद यह गलती से चालू हो गया।
महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में तैनात दर्जन भर पुलिस कर्मी भी जांच के घेरे में रहेंगे।
महंत को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी, लेकिन जिस समय उन्होंने कथित तौर पर अपना जीवन समाप्त किया, उस समय कोई भी पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। पुलिस को सूचना देने से पहले ही जब रस्सी काटी गई और महंत के शव को नीचे उतारा गया तो सुरक्षाकर्मी भी मौजूद नहीं थे।
इन कर्मियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों ने विभागीय जांच भी शुरू कर दी है।
गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आनंद गिरि पहले ही आरोप लगा चुके हैं कि महंत की मौत के लिए अजय सिंह और अभिषेक मिश्रा सहित उनके सुरक्षाकर्मी जिम्मेदार हैं। उन्होंने दावा किया कि सुरक्षाकर्मियों के पास ऐसी संपत्ति है, जो उनकी आय से अधिक है और इसकी जांच की जानी चाहिए।
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने पुष्टि की कि नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में शामिल नौ से 10 पुलिस कर्मियों को पूछताछ का सामना करना पड़ रहा है।
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Source : IANS