सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक के रूप में आलोक वर्मा को बहाल कर दिया. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश केएम जोसेफ की पीठ ने वर्मा को पद पर बहाल करते हुए कहा कि मामला सिलेक्शन कमेटी के पास जाएगा जो इस मुद्दे पर गौर करेगी. मुख्य न्यायाधीश गोगोई की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश कौल ने कहा कि सिलेक्शन कमेटी मंगलवार से 7 दिनों के भीतर बैठक करेगी और तब तक वर्मा किसी भी तरह के नीतिगत फैसले नहीं ले पाएंगे.
इस कमेटी में प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते हैं.
सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई के निदेशक और एनजीओ 'कॉमन कॉज' की याचिका पर फैसला सुनाया, जिसमें 23-24 अक्टूबर मध्यरात्रि को सरकार द्वारा लिए फैसले को चुनौती दी गई थी. केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया था. आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना एक दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए थे.
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6 दिसंबर को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र, केंद्रीय सर्तकता आयोग, सीबीआई, याचिकाकर्ता वर्मा, एनजीओ व अन्य की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया.आलोक वर्मा की याचिका में केंद्र के 23 अक्टूबर के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत सरकार ने वर्मा को देश की प्रमुख एजेंसी के निदेशक पद के अधिकारों से वंचित कर दिया था.
वहीं, केन्द्र ने इसके साथ ही ब्यूरो के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को जांच एजेंसी के निदेशक का अस्थाई कार्यभार सौंप दिया था.
(इनपुट एजेंसी)
Source : News Nation Bureau