कोलकाता में CBI VS Mamata विवाद की मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में CBI ने आरोप लगाया था कि सारदा चिट फंड घोटाले से जुड़े एक मामले में कोलकाता के कमिश्नर राजीव कुमार और पश्चिम बंगाल सरकार ने जांच में असहयोग किया. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के सामने हाजिर होने का आदेश दिया. साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार, डीजीपी और कोलकाता पुलिस को अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है. जिस घोटाले को लेकर बंगाल से दिल्ली तक गदर मचा हुआ है आइए उसके बारे में जानें...
1. सारदा चिटफंड घोटाला करीब 2500 करोड़ रुपए का होने का अनुमान है. इस घोटाले में सागौन कारोबार के बॉन्ड्स में निवेश करने पर 25 साल बाद 34 गुना रिटर्न देने का वादा किया गया था. वहीं, आलू के कारोबार में 15 महीने में ही रकम दोगुनी करने का लालच दिया गया. एक अनुमान के मुताबिक इसमें करीब 10 लाख लोगों ने निवेश किया था.
2. सारदा चिटफंड कंपनी की चेयरपर्सन सुदीप्ता सेन थीं. सुदीप्ता सेन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी बताया जाता है. बताया जाता है कि तृणमूल के राज्यसभा सांसद कुणाल घोष कंपनी की मीडिया डिविजन के प्रमुख थे. पार्टी के एक अन्य सांसद की फोटो इस कंपनी के विज्ञापनों में प्रसारित की गई. 2013 में लोगों का पैसा लेकर यह कंपनी बंद कर दी गई. सुदीप्ता फरार हो गई और 13 अप्रैल 2013 से वह भूमिगत है.
3. रोज वैल घोटाला करीब 15000 करोड़ रुपए का है. इसमें भी आशीर्वाद और होलिडे मेंबरशिप स्कीम में पैसा लगाकर रकम कई गुना करने का वादा किया गया. यह कंपनी करीब एक लाख निवेशकों से करोड़ों रुपए वसूल कर लापता हो गई.
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4. रोज वैल ग्रुप के प्रबंध निदेशक शिवमय दत्ता इस घोटाले के मास्टरमाइंड बताए जाते हैं. इस घोटाले के तार बॉलीवुड और रिएल स्टेट कारोबारियों से जुड़े होने के आरोप हैं. घोटाले में नाम आने के बाद पिछले महीने श्री वेंकटेश फिल्म्स के चीफ श्रीकांत मोहता को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया गया. सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी ने ‘रोज वैली से राशि स्वीकार करने’ के संबंध में मोहता को नोटिस दिया था. दक्षिण कोलकाता में उनसे पूछताछ भी की गई थी.
5. 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इसकी जांच करने का आदेश दिया था. सारदा ग्रुप ने सिर्फ चार साल में पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड, उड़ीसा और पूर्वाेत्तर राज्यों में 300 ऑफिस खोल लिए थे. रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई ने अब तक 80 चार्जशीट फाइल की हैं. 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा रिकवर किए जा चुके हैं.
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6. इस घोटाले की जांच करने वाली पश्चिम बंगाल पुलिस की एसआईटी टीम की अगुआई 2013 में राजीव कुमार ने की थी. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि एसआईटी जांच के दौरान कुछ खास लोगों को बचाने के लिए घोटालों से जुड़े कुछ अहम सबूतों के साथ या तो छेड़छाड़ हुई थी या फिर उन्हें हटा दिया गया था.
Source : News Nation Bureau